
Who Is Ahmad Murtaza Abbasi Terrorist : गोरखपुर से अरेस्ट हुआ अहमद मुर्तजा अब्बासी को लेकर यूपी पुलिस का सनसनीखेज दावा सामने आया है. ये दावा किया जा रहा है कि मुर्तजा अब्बासी आतंकी संगठन ISIS से जुड़ा है. ISIS के अलावा 'अंसार गजवा-वा तुल' जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों से भी कनेक्शन होने का दावा किया जा रहा है.
पुलिस का कहना है कि आरोपी मुर्तजा का संपर्क भारत-नेपाल बॉर्डर के आसपास बने कई संदिग्ध मदरसों से भी रहा है. इस बारे में उसके लैपटॉप और बरामद अन्य सामान से बड़े सबूत मिले हैं.

एटीएस इसे 21 महीने से कर रही थी ट्रैप
भले ही ये शख्स गोरखनाथ मंदिर के बाहर पुलिस पर हमले को लेकर अचानक गिरफ्तार हुआ लेकिन यूपी की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) पिछले 21महीने से इस पर नजर बनाए हुई थी. एटीएस अधिकारी लगातार इसे ट्रैप कर रहे थे.
अब पुलिस इससे जुड़े सबूत जुटाने के लिए सिद्धार्थनगर और महाराजगंज में छापेमारी कर रही है. मुंबई से लेकर नेपाल तक पूछताछ कर रही है. यहां बता दें कि आतंकी संगठन 'अंसार गजवा-वा तुल' को अल-कायदा से समर्थन मिला है. कहा जाता है कि ये संगठन काफी समय से इंडिया में सक्रिय है.
इन वजहों से मुर्तजा का आतंकी कनेक्शन होने का है दावा
नेपाल से लेकर कोयंबटूर तक मुर्तजा का कनेक्शन
मुर्तजा के लैपटॉप की जांच में ये जानकारी आई है कि उसके संपर्क गोरखपुर के आसपास के इलाकों के साथ नेपाल, मुंबई, जामनगर और कोयंबटूर तक में था.
इसके लैपटॉप में गोरखनाथ मंदिर का मैप मिला है. देश विरोधी वीडियो और कट्टरपंथी जाकिर नाइक का कट्टर बनाने के लिए उकसाने वाले वीडियो मिले हैं.
इसके अलावा आरोपी के कब्जे से ऐसे खास धार्मिक साहित्य मिले हैं. जिससे उसके कनेक्शन आतंकी संगठनों से जुड़ने के मिले हैं.
मुर्तजा ने आतंकी अबू हमजा के वीडियो को 8 बार क्यों देखा
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में ATS के हवाले से दावा किया गया है कि मुर्तजा आतंकियों के वीडियो को देखता था. उसने हमले से पहले आतंकी अबू हमजा के वीडियो को 8 बार देखा था.
मुर्तजा के लैपटॉप से अरब देशों में नाटो (NATO) से गोरिल्ला युद्ध के वीडियो फुटेज भी मिले हैं. इन वीडियो को उसने एक या दो बार नहीं बल्कि 100 से ज्यादा बार देखा है.
तो क्या मुर्तजा स्लीपर सेल के लिए बना रहा था ऐप
ATS ने इस बात की आशंका जताई है कि मुर्तजा स्लीपर सेल से जुड़ा हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया है कि मुर्तजा हाल में ही लैपटॉप खरीदकर ऐप डिवेलप कर रहा था. ऐसे में शक है कि ऐप के जरिए वो आतंकियों के लिए स्लीपर सेल का ग्रुप बना रहा था. लेकिन इस पर अभी काफी जांच होना बाकी है.
ATS का दावा : 21 महीनों से ट्रैक कर रहे थे
ये भी सामने आया है कि मुर्तजा ऐसे कई मदरसों और मरकजों से जुड़ा था जहां विदेशी फंडिंग होती थी. यही वजह है कि ATS की नजर मुर्तजा पर पिछले 21 महीनों से थी. बताया जा रहा है कि एटीएस उसे ट्रेस कर रही थी. 31 मार्च को 16 संदिग्धों की लिस्ट बनाई गई थी. इस लिस्ट को यूपी पुलिस ने तैयार की थी जिसमें मुर्तजा का नाम भी था.