Crime Latest: असल में जब पुलिस ने स्वर्णबाग कॉलोनी के एक तिमंजिला मकान में लगी भीषण आग की राख हटाने और वहां झुलस चुके सुराग़ और सबूत को तलाशने का ज़िम्मा उठाया तो जो सच सामने आया उसने पुलिस से लेकर पूरे शहर को बुरी तरह से चौंका दिया। क्योंकि राख के उस ढेर से पुलिस जिस सच को निकलाकर सामने लाई उसने न जाने कितने लोगों के तनबदन में आग लगा दी और कितने ही लोगों का खून ख़ौलने लगा।
6 मई की घटना जब भी याद करो तो दिल दहल जाता है। इंदौर की स्वर्णबाग कॉलोनी का एक मकान सुबह होने से पहले ही धू धूकर जलने लगा।
शनिवार का दिन था और लोग गहरी नींद की आगोश में तभी मकान जलने और धुएं के फैलने से पूरी बिल्डिंग उसकी चपेट में आ गई। आग और धुएं की ज़द से लोगों की जद्दोजहद के बीच आठ लोग बुरी तरह से झुलस गए, जिनमें से सात लोगों की मौत हो गई। जबकि पड़ोसी और पुलिस की जद्दोजहद के बाद नौ लोगों को बचाया जा सका।
पुलिस की तफ़्तीश में सामने आया सिरफिरे का सच
Latest Crime Indore: लोगों को समझ ही में नहीं आ रहा था कि ये आग आखिर लगी तो लगी कैसे। हालांकि शुरुआती दौर में तो शक शॉर्ट सर्किट पर ही हुआ। लेकिन जब पुलिस ने बारीकी से तहकीक़ात की तो बहुत कुछ सामने आ गया । वो आग खुद लगी नहीं थी बल्कि लगाई गई थी। और इस आग को लगाने का काम किया था एक ऐसे सिरफिरे ने जिसने अपनी एक सनक की वजह से इस वारदात को अंजाम दिया था।
पुलिस ने बिल्डिंग को आग के हवाले करने के इल्ज़ाम में एक शख्स को गिरफ़्तार किया जिसकी पहचान संजय उर्फ शुभम दीक्षित के तौर पर हुई। संजय को गिरफ़्तार करने के बाद पुलिस ने उसका मोबाइल और मोबाइल में 16 जीबी का डाटा खंगाल डाला।
गूगल सर्च पर ढूंढ़ता था पुलिस से बचने के तरीक़े
Indore Crime Story In Hindi: उस डाटा ने पुलिस के सामने जो गवाही दी उससे पुलिस को संजय के सिरफिरेपन की वजह को समझते देर नहीं लगी। संजय के मोबाइल ने ही पुलिस को बताया कि संजय दरअसल सोशल मीडिया पर लड़कियों और महिलाओं को अपनी बातों के जाल में फंसाता था। और फिर उनके बैंक डिटेल्स हासिल करके सभी के बैंक खातों में सेंध भी लगाता था। इतना ही नहीं। संजय एक चीज़ अक्सर गूगल पर पुलिस से बचने के तरीक़े सर्च करता रहता था।
बकौल पुलिस संजय सोशल मीडिया के ज़रिए जिन लड़कियों को अपने जाल में फंसाता था, उसके साथ में हर हाल में फ्रॉड ज़रूर करता था। पुलिस के मुताबिक घटना वाली रात से पहले भी वो स्वर्णबाग बिल्डिंग में रहने वाली एक महिला मित्र की मां से झगड़ा किया था।
गर्लफ़्रेंड को सबक सिखाने के लिए लगाई थी स्कूटी में आग
Indore Building Fire :उसी झगड़े के बाद संजय ने अपनी महिला मित्र के साथ साथ उसकी मां को सबक सिखाने और उन्हें गहरी चोट देने के इरादे से उस रात उसने बिल्डिंग के नीचे खड़ी उसकी स्कूटी को आग लगा दी थी। गरज ये थी कि स्कूटी जलने से उसकी महिला मित्र को अच्छा खासा नुकसान हो जाएगा और उसका बदला भी पूरा हो जाएगा।
लेकिन जब उसने स्कूटी को आग लगाई तो वो आग फैलती हुई पहले तो आस पास की दूसरी गाड़ियों तक जा पहुँची। और उन्हीं गाड़ियों से उठी लपटों ने बिल्डिंग को भी अपनी चपेट में ले लिया। और देखते ही देखते उस बिल्डिंग के तमाम लोग गहरी नींद में ही मौत के बेहद नज़दीक पहुँच गए, लेकिन सात लोग तो ज़िंदा जल गए।
बताया जा रहा है कि आरोपी झांसी का रहने वाला है। उसके पिता रेलवे में इंजीनियर हैं। लेकिन संजय दीक्षित की हरकतें इतनी ज़्यादा ख़राब हैं कि घरवालों ने भी उसे कई दिनों पहले ही घर से निकाल दिया है।
मोबाइल ने उगल दिए सिरसिरे आरोपी के कई राज़
Girlfriend indore: इंदौर के विजय नगर थाना के अफ़सर तहज़ीब क़ाज़ी के मुताबिक संजय के मोबाइल से कई लड़कियों और महिलाओं की तस्वीरें और ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली है। हालांकि मोबाइल का काफी डाटा डिलीट भी किया गया है, जिसकी रिकवरी के लिए पुलिस कोशिश कर रही है। पुलिस की तफ़्तीश में संजय की कई गर्लफ्रेंड की जानकारी सामने आई हैं जिनमें कुछ दिल्ली में रहती हैं तो कुछ देश के अलग अलग हिस्सों में।
लिहाजा संजय के मोबाइल से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस की एक टीम दिल्ली और एक टीम पुणे रवाना हो गई है। हालांकि इंदौर में भी पुलिस को संजय की एक महिला मित्र का पता चला जिससे पूछताछ में ही दिल्ली वाली गर्लफ्रेंड की जानकारी सामने आई।
हैरानी की बात ये है कि इंदौर वाली संजय की महिला मित्र उसके चक्कर में धोखाधड़ी के एक मामले में पुलिस के चंगुल में फंस चुकी है और जेल की हवा भी खा चुकी है। उसी महिला मित्र का कहना है कि संजय को फांसी की सज़ा मिलनी चाहिए।