
Burari Kand Web Series : बुराड़ी कांड पर आने वाली 8 अक्टूबर को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर एक वेब सीरीज़ रिलीज होने वाली है. सीरीज़ का नाम ‘हाउस ऑफ सीक्रेट-द बुराड़ी डेथ्स' है. इसका टीजर रिलीज हो चुका है. टीजर बेहद दिल दहलाने वाला है. डॉक्युमेंट्री सीरीज़ में उस वक्त के मीडिया द्वारा फिल्माए गए रियल वीडियोज़ डाले गए हैं. डॉक्युमेंट्री में पड़ोसियों, पुलिसवालों और परिवार के सदस्यों और मीडियाकर्मियों के इंटरव्यू भी लिए गए हैं. परिवार की पुरानी तस्वीरें और वीडियोज़ भी डॉक्युमेंट्री में दिखाई जाएंगी.
टीजर में क्या दिखाया गया है ?
इसका टीजर आपको अंदर तक झकझोर देगा. यह मामला भी बेहद अजीबो-गरीब था, जिसे सुनकर पूरा देश हिल गया था. एक सीन में बैकग्राउंड वॉइस चलती है. जिसमें ऑफिसर बताते हैं कि जब वो ‘बुराड़ी हाउस में घुसे तो जिस तरह बरगद के पेड़ से शाखाएं लटकती हैं, उसी तरह रंग-बिरंगे दुपट्टे से परिवार के सदस्य छत से लटके हुए थे’.इस सीन के साथ वो लोहे की ग्रिल भी दिखाई जाती है, जिसमें चुन्नियां और साड़ियां लटक रही हैं. वैसे आजतक भी यह साफ नहीं हुआ है कि आखिर मामला था क्या ?
इस केस में वो मुहावरा बिल्कुल ठीक बैठता है कि 'जितने मुंह उतनी बातें' क्योंकि इस केस को लेकर हर किसी की अपनी कहानी है .अब देखने वाली बात ये होगी कि डॉक्युमेंट्री के निर्माता किस एंगल से कहानी बताते हैं.
क्या था मामला ?
1 जुलाई 2018 को दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक घर से 11 लाश मिलने की ख़बर मिली थी .एक साथ पूरे परिवार के फांसी लगाने की खबर ने देश में हड़कंप मचा दिया था. यह सभी 11 लोग एक ही परिवार के थे. परिवार में सबसे बुजुर्ग थी नारायणी देवी(75). उनके 3 बेटे थे जिनमें से 2 उनके साथ यहीं बुराड़ी स्थित घर में रहते थे. नारायणी की विधवा बेटी प्रतिभा और प्रतिभा की बेटी प्रियंका(33) भी नानी के घर रहते थे.नारायणी देवी के पति गोपालदास की मौत 2007 में ही हो गई थी.
उसका एक बेटा था ललित (45) जिसके परिवार में पत्नी टीना (42) और उनका बेटा शिवम (15) था. ललित का बड़ा भाई भवनेश (50), उसकी पत्नी सविता (48) और 3 बच्चे बेटी नीतू (25), छोटी बेटी मीनू (23) और बेटा ध्रुव (15) भी इसी घर में रहते थे.
घर के नीचे ही परचून की दुकान थी और बेसमेंट में प्लाईवुड का काम होता था. आस-पास के सभी लोग सुबह दुध ललित की दुकान से ही लेते थे. 1 जुलाई को भी सुबह जब लोग दूध लेने पहुंचे और दुकान बंद मिली तो लोगों को आश्चर्य हुआ क्योंकि ऐसा कभी होता नहीं था कि सुबह दुकान खुली ना हो.
तब पड़ोस में रहने वाले अमरदीप सिंह ने घर में जाकर देखा तो पाया कि परिवार के सभी सदस्यों की लाश जंगले से लटकी थी. इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया और कार्रवाई आगे बढ़ी.
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शुरुआती छानबीन में पुलिस ने पाया कि सभी लोगों के हाथ-पैर एक जैसे तरीके से बंधे थे. ललित और टीना के अलावा सभी के मुंह को डॉक्टर टेप से और हाथों को रस्सी से बंधा गया था. जिससे काफ़ी हद तक साफ हो जाता है कि फाँसी की पूरी प्लैनिंग ललित और उसकी पत्नी टीना की थी.
पुलिस को जांच में घर से कुछ रजिस्टर मिले थे. दावा किया जाता है कि इन रजिस्टरों में ललित अपने पिता द्वारा दिए गए निर्देश लिखता था. दरअसल, ललित ने पूरे घर को विश्वास दिला रखा था कि उसका मृत पिता उसके सपने में आकर उसे आदेश देता है कि घरवालों को आगे क्या करना है.
उदाहरण के तौर पर टीजर में उस रजिस्टर के एक पन्ना दिखाया गया है जिसमें लिखा है कि ध्रुव का फोन पर बहुत ध्यान जा रहा है उसका ध्यान रखो. इन सभी बातों से यह मामला धार्मिक अंधविश्वास का ही लगता है.
अब कौन है घर का मालिक ?
घर का मालिक नारायणी देवी का तीसरा बेटा दिनेश सिंह है. वो पहले से ही राजस्थान में रह रहा है. वो घर बेचना चाहता है पर उसके मुताबिक घर को लेकर लोगों में अंधविश्वास होने के कारण उसे सही दाम नहीं मिल पा रहा है. फिलहाल इस घर में किराए पर डॉक्टर मोहन सिंह रह रहें है.
Note : ये ख़बर क्राइम तक के साथ इंटर्नशिप कर रहे नवीन कौशिक ने लिखी है.
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