Helicopter Crash Bipin Rawat News : हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद कुछ देर के लिए जनरल बिपिन रावत होश में थे. आखिरी वक्त में ही उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. बल्कि मौके पर पहुंचे स्थानीय लोग से बात की थी. अपना नाम भी बताया था और पानी मांगा था. ये बात अब सामने आई है.
दरअसल, मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने बताया कि वो उनके पहचान तो नहीं पाए थे लेकिन बाद में जब पता चला कि वही देश चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे तो गहरा सदमा लगा. मौके पर सबसे पहले पहुंचने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वो जनरल बिपिन रावत के आखिरी लमहों को याद कर रात भर सो भी नहीं सके.
रात भर वो यही सोचते रहे कि जिस इंसान ने देश की सुरक्षा के लिए इतना बड़ा काम किया उसके लिए आखिरी वक़्त पर मैं पानी भी नहीं दे सका. यहां बता दें कि 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में जब ये हादसा हुआ तब सबसे पहले आसापास के लोग मौके पर पहुंचे थे. एक परिवार तो ऐसा था जिनके घर से कुछ दूरी पर ही ये हादसा हुआ था.
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चश्मदीद शिवकुमार ने बताया पूरा वाकया
इस हादसे के चश्मदीद शिवकुमार कुन्नूर में कंस्ट्रक्शन साइट पर ठेकेदार हैं. वो 8 दिसंबर को नीलगिरी पहाड़ी के चायबागान में काम करने वाले अपने भाई से मिलने आए थे. उसी दौरान ये हादसा हुआ. उन्होंने देखा कि करीब 20 फुट की ऊंचाई से एक हेलिकॉप्टर पेड़ की तरफ टकराकर गिर गया. उसे देखते ही वो तुरंत मौके पर पहुंचे थे.
शिवकुमार ने मीडिया को बताया कि आंखों के सामने हेलिकॉप्टर को आग की लपटों के साथ गिरते हुए देखा था. हादसे के समय वहां धुआं ही धुआं फैल गया और जोर से धमाका हुआ. उसी दौरान मैं मौके पर पहुंचा था. उस समय देखा कि तीन बॉडी हेलिकॉप्टर के बाहर पड़ी हुई थीं. तीनों बॉडी बुरी तरह से झुलस गईं थीं. उनमें से एक शख्स जिंदा थे. मैं उन्हें पहचान में भी नहीं आ रहे थे.
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उन्होंने कुछ बताया कि वो कुछ हिंदी में कह रहे थे. लेकिन मैं समझ नहीं पाया था. इसके बाद इशारा करते हुए पानी मांगा था. मैंने भी कहा था कि चिंता ना करें हमलोग मिलकर मदद करेंगे.
उसी समय रेस्क्यू टीम और आसपास के लोग पहुंच गए तब हमलोग मदद में जुट गए. 3 घंटे बाद एक आर्मी अफसर ने मुझे उस व्यक्ति की फोटो दिखाई तब मैंने पहचान लिया. बताया कि इन्होंने ही मुझे पानी मांगा था. तब अफसर ने बताया था कि यही जनरल बिपिन रावत सर थे. तब मुझे पता चला कि जिनसे हम बात कर रहे थे वो देश के जनरल बिपिन रावत थे.
उस समय पहले तो मुझे भरोसा नहीं हुआ था कि जिस आदमी ने देश के लिए इतना कुछ किया, उसे पानी भी नहीं पिला सका था. यही सब बातें सोचकर मैं रातभर सो नहीं पाया था.
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