
Bihar Samstipur Viral News : बिहार के समस्तीपुर (Bihar News) की ये खबर दिल दहला देगी. ये सोचने पर मजबूर कर देगी कि हमारा सिस्टम (System Corruption) कैसा है. वो सिस्टम जो मुर्दों की भी कीमत तय करता है. एक पिता को अपने ही बेटे की लाश लेने के लिए 50 हजार रुपये जुटाने पड़े. इसके लिए वो पिता भीख मांगने को मजबूर हो गया. जानिए पूरी डिटेल...
सौदा मुर्दों का भी होता है. कीमत लाश की भी होती है. वाकई पैसे बिना कुछ भी मुमकीन नहीं. ना खुशी से जिंदा रह सकते. और ना मर सकते. यही दस्तूर है. और यही सच है. यकीन ना हो तो इन तस्वीरों पर नजर डाल लीजिए...
Bihar News : ये एक पिता की तस्वीर है. जिस गमछे को कभी सिर पर लेते थे. उसे ही आज दोनों हाथों में फैलाकर भीख मांग रहे हैं. भीख इसलिए नहीं की दो वक्त की रोटी खा सके. इसलिए नहीं की भूख की आग को ठंडा कर सके. बल्कि इसलिए कि अपने बेटे की लाश को आखिरी बार आंखों से देख सके. उस बेटे को जिसे कभी हाथों से कभी उठाया करते थे.
गोद में खिलाया करते थे. आज वही पिता और उसकी मां बेटे को आखिरी बार गोद में लेने के लिए 50 हजार रुपये जुटाने में लगे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें बेटे की लाश लौटाने के लिए 50 रुपये की डिमांड की गई है. लिहाजा, उसी पैसे को जुटाने के लिए ये लोगों के घर-घर जा रहे हैं. एक-एक दरवाजे पर हाथ फैला रहे हैं. ताकी रुपयों का इंतजाम हो सके. और बेटे को आखिरी बार देख सकें.
VIRAL VIDEO : वो वीडियो देखिए जिसमें एक पिता भीख मांग रहा है...
दिल को झकझोर देने वाली ये घटना बिहार के समस्तीपुर की है. मामला 7 जून का है. हाथ फैलाकर भीख मांगने वाले ये शख्स महेश ठाकुर हैं. ये ताजपुर इलाके के गांव में रहते हैं. इनका एक बेटा मानसिक रूप से कमजोर था. वो अचानक 25 मई को लापता हो गया था. परिजनों ने काफी खोजबीन की. पर कोई जानकारी नहीं मिली. इसी बीच, 7 जून को जानकारी मिली कि पास के ही मुसरीघरारी थाना क्षेत्र में एक लड़के का शव मिला.
इस आशंका में महेश ठाकुर उस लाश की पहचान करने जाते हैं. मोर्चरी में जहां लाश रखी थी. उस लाश को उन्हें दिखाई गई. देखते ही आंखों में आंसू आ गए. रोने लगे. बताया कि ये मेरे बेटे की लाश है. जिसकी चलाश वो कई दिनों से कर रहे थे. अब बेटे के शव का अंतिम संस्कार करना था. उसे साथ में ले जाना था.
लेकिन पोस्टमॉर्टम घर में तैनात कर्मचारी ने लाश ले जाने से रोक दिया. ये कह दिया कि अगर लाश ले जानी है तो 50 हजार रुपये देने होंगे. अब इतने पैसे महेश ठाकुर के पास नहीं थे. लिहाजा, बेटे को आखिरी बार देखने के लिए पैसे जुटाने लगे.
भीख मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो आनन-फानन में डीएम ने मामले के जांच के आदेश दिए. फिर तुरंत महेश ठाकुर को उनके बेटे की लाश सौंपी गई. जिसके बाद वो अंतिम संस्कार कर सके. हालांकि, इस पूरे मामले पर समस्तीपुर जिला प्रशासन का कहना है कि ये खबर गलत है. पोस्टमॉर्टम कर्मचारी ने रिश्वत नहीं मांगी थी.