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Patna Shelter Home : "नशा देकर सेक्स कराया जाता था, शाम होते ही बड़े लोग आते थे" : पीड़ित लड़की

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Patna Gaighat Shelter Home Case : सिर्फ कहने के लिए वो लड़कियों का शेल्टर होम है. लेकिन हर लड़की उसमें नरक की जिंदगी गुजारती है. ऐसा नरक जिसमें लड़कियां आतीं तो अपनी मर्जी से हैं. ये कहना है कि बिहार के पटना गायघाट स्थित शेल्टर होम से बाहर आई एक लड़की का. वो लड़की पिछले 7 महीने से शेल्टर होम में थी.

इस शेल्टर होम में घर से भूल-भटकी लड़कियों या फिर किसी वजह से परिवार से अलग हो चुकी या फिर मानसिक रूप से कमजोर लड़कियों को शरण देने के लिए बनाया गया है. वैसे तो यहां लड़कियों को बुरी नजर से बचाने के लिए रखा गया है. लेकिन इस पीड़ित लड़की ने जो खुलासे किए हैं उसे पूरा जानकर तो रूह कांप जाएगी. ये सोचने के लिए मजबूर हो जाएंगे कि वाकई कहीं नरक है तो वो यहीं है.

पटना का शेल्टर होम

उस लड़की ने क्या कहा. पहले वो जान लेते हैं...

आओगी पुलिस की मर्जी से, जाओगी मेरी मर्जी से : "मैं वहां पिछले 7 महीने से थीं. उस जगह का नाम है शेल्टर होम. पटना के गायघाट में है वो. वहां की हेड का नाम है वंदना गुप्ता. कहने के लिए वो महिला है लेकिन उस पर हमे घिन्न आती है. वो कहती है कि तुम लोग यहां आओगी तो अपनी या पुलिस की मर्जी से लेकिन यहां से मेरी मर्जी से बाहर नहीं जा सकती"
नशा देकर लड़कियों से कराते हैं सेक्स : "उस शेल्टर होम में क्या नहीं होता है. लड़कियों को सेक्स के लिए मजबूर किया जाता है. नशा दिया जाता है. कभी खाने में ही नशा मिला दिया जाता है. इसके बाद लड़की जब नशे में हो तो शाम ढलते ही उसके जिस्म की बोली लगा दी जाती थी. दिन में तो पूरी शांति होती है. लेकिन शाम होते ही बड़ी-बड़ी गाड़ियों से लोग वहां आते हैं. जैसी लड़की वैसी कीमत लगाते हैं. लेकिन कीमत सभी की लगती थी. अब जिसे जो पसंद आ गया उसे सौंप दिया जाता था"
जॉब के बहाने बाहर भेज कराते हैं जबरन रेप : "कई बार तो अच्छी लड़कियों को बाहर भेजकर भी सेक्स कराया जाता था. लेकिन शेल्टर होम की हेड उन लड़कियों से कहती थी कि उन्हें जॉब के लिए बाहर भेजा जा रहा है. लेकिन उन्हें सेक्स के लिए बाहर भेजा जाता था. मेरे साथ भी कई बार हुआ. वहां बड़े से बड़े लोग आते रहे हैं. उसमें अधिकारी से नेता भी शामिल हैं. मेरे साथ भी ऐसा हुआ है"
लड़कियां डर के मारे जुबान नहीं खोलतीं : '' लड़िकयों से सेक्स के बदले में कुछ हजार रुपये भी लड़कियों को दिए जाते थे. उन्हीं पैसे में से 4 हजार रुपये मैंने शेल्टर होम की हेड वंदना को दिए और फिर किसी तरह अपने पति से मिलने के बहाने बाहर आ गई. लेकिन अब मैं डरने वाली नहीं हूं. मेरी लड़ाई नरक की जिंदगी भोग रही उन सभी लड़कियों के लिए हैं, जो डरकर कोई बयान नहीं दे पाती हैं.''
मरते दम तक इंसाफ के लिए लड़ूंगी : "अब मेरी जान भी चली जाए तो कोई गम नहीं. हम उन लड़कियों के लिए लडेंगे और इंसाफ दिलाएंगे. ये मेरे हाथ पर जो निशान देख रहे हैं उसे मैंने खुद से काटा था. ताकी मर सकूं. लेकिन मरी नहीं. ऐसा कई लड़कियां करती हैं. वो करें भी तो क्या करें."
एक लड़की की हत्या कर फांसी पर लटकाया : " पीड़िता दावा है कि कोई लड़की विरोध नहीं कर सकती. एक लड़की ने काफी पहले इसी तरह से विरोध किया था. लेकिन उसे मार दिया गया. फिर उसे फांसी पर लटका दिया गया और पुलिस को बताया गया कि परेशान होकर उसने फांसी लगा ली है."
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