
नाम-रेडिक टेगिरॉव उर्फ वोल्गा मैनियक
उम्र- 38 साल
जुर्म- 26 औरतों का हत्यारा
रशियन पुलिस ने इस नीली आंखों वाले शख़्स को शिकंजे में लेने के बाद ये दावा किया है कि लंबे समय से वो जिस सीरियल किलर को पकड़ने की जीतोड़ कोशिश कर रहे थे वो अब उनकी गिरफ़्त में आ चुका है.
नीली आंखों वाला ये शख़्स है रेडिक टेगिरॉव. जिसे 26 महिलाओं के क़त्ल के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. एक ज़माने में ये रशिया में दहशत का दूसरा नाम हुआ करता था.

पुलिस ने इस साइको को गिरफ़्तार कर पूरे मामले में सनसनीखेज़ खुलासे किए हैं. पुलिस ने बताया कि यूरोप की सबसे लंबी वोल्गा रीवर के पास के इलाके में साल 2011 से 2012 तक लगातार औरतें ग़ायब होने लगीं. महिलाओं का शव अचानक ही मिलने लगा जिसके बाद पूरे शहर में दहशत फैल गई.
लगातार होती ऐसी वारदात के बाद शहर में वोल्गा मैनियक नामक एक सीरियल किलर का नाम प्रचलित हो गया. जिसकी जांच में पुलिस ज़ोर शोर से लग गई. लेकिन अचानक साल 2012 के बाद औरतों के शव मिलना बंद हो गए.
औरतों के शव मिलने भले ही बंद हो गए लेकिन फिर भी पुलिस इसकी जांच पड़ताल में लगी रही. पुलिस किसी भी हालत में ये पता करना चाहती थी कि साल 2011 से 2012 के बीच ग़ायब हो रही औरतों के पीछे का रहस्य क्या है?

साल 2020 में जब लगभग एक 70 साल की बुज़ुर्ग महिला का क़त्ल हुआ तब DNA जांच से ये हत्यारा पुलिस के हाथ लगा और फिर जब इसकी सारी डिटेल निकाली गई तो पुलिस को इसके बारे में हैरान करने वाली सच्चाई पता चली.
करीब10 हज़ार जेनेटिक टेस्ट के बाद पता चला कि ये वही साइको वोल्गा मैनियक है जो साल 2011 से 2012 तक रूस में दहशत का नाम था.
इस साइको ने गिरफ़्तार होने के बाद पुलिस को बताया कि इसे याद तक नहीं कि इसने सबसे पहले किस बात पर किसी का क़त्ल किया था.
पुलिस के पूछने पर इस सनकी दरिंदे का कहना था कि इसे बस अधेड़ उम्र की औरतों को मारना पसंद था और ये हमेशा गला दबाकर ही उनका क़त्ल किया करता था क्योंकि वो सबसे आसान और कम समय लगने वाला तरीका होता है.