मध्य-पूर्व में भारी तनाव और अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात के बीच फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इराक का दौरा किया.राष्ट्रपति मैक्रों ने इराकी प्रधानमंत्री मुस्ताफा अल-कादिमी और राष्ट्रपति बरहाम सालिह से मुलाकात की.इस मुलाकात में अफगानिस्तान में बद से बदतर होते हालात.ईरान-इजरायल तनाव और आपसी संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई.फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों एक क्षेत्रीय सम्मेलन में भी शामिल हुए.जहां राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को लेकर किसी को भी कोताही नहीं बरतनी चाहिए.
काबुल एयरपोर्ट पर हमले ने दुनिया के सबसे बुरे सपने को सच साबित कर दिया, TALIBAN और ISIS-K की दुश्मनी की INSIDE STORYराजधानी बग़दाद में हुए सम्मेलन में शिरकत करते हुए मैक्रों ने कहा कि पूरी दुनिया को पता है कि इस्लामिक स्टेट अभी भी बड़ा ख़तरा बना हुआ है.ऐसे में उसके ख़िलाफ़ हम अपनी सुरक्षा कम नहीं कर सकते.फ्रांस के राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि आतंकी समूहों के ख़िलाफ़ लड़ना उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है.गुरुवार को अफ़ग़ानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले की ज़िम्मेदारी इस्लामिक स्टेट की अफ़ग़ान ब्रांच ने ली थी. इस हमले में क़रीब 182 लोगों की मौत हुई थी.
इराक़ की राजधानी बगदाद में मध्यपूर्व के देशों की एक अहम बैठक हुई.जिसमें इस इलाक़े की शांति और स्थिरता को लेकर चर्चा की गई.बैठक में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के अलावा.मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल-सीसी.जॉर्डन के सुल्तान अब्दुल्ला और क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमद अल-थानी शामिल हुए.कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात के आला अधिकारी और टर्की के विदेश मंत्री भी इस बैठक में मौजूद रहें.
SADDAM HUSSEIN के इराक़ को लेकर SUPER POWER AMERICA का बड़ा फैसलागौरतलब है की 31 अगस्त को अमेरिका अफगानिस्तान छोड़ देगा.ऐसे में काबुल एयरपोर्ट पर तैनात अमेरिकी सैनिक अपने देश लौटने लगे हैं.अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का कहना है कि काबुल हवाई अड्डे से अमेरिकी सैनिकों को हटाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है.पिछले 20 साल से काबुल हवाई अड्डा अमेरिकी फौज के नियंत्रण में है.और अब अमेरिका अफगानिस्तान को अलविदा कहने जा रहा है.
हालांकि एक अमेरिकी सुरक्षा अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि अमेरिकी फौज के पूरी तरह से काबुल एयरपोर्ट छोड़ने के अंतिम समय को लेकर अभी कोई फ़ैसला नहीं किया गया है.लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले ही कह चुके हैं कि उनकी फौज 31 अगस्त को तालिबान के साथ हुए समझौते का पालन करते हुए अफगानिस्तान छोड़ देगी.इससे पहले, एक अमेरिकी अधिकारी ने शनिवार को बताया था कि काबुल हवाई अड्डे पर अब 4 हजार से कम अमेरिक सैनिक रह गए हैं.
Taliban 2.0 : इन 4 नेताओं के इर्दगिर्द रहेगी तालिबान की सत्ता, जानें पूरी डिटेल
इस बीच अफ़ग़ानिस्तान के नए शासक एयरपोर्ट की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार बताए जा रहे हैं. तालिबान का कहना है कि उसके पास तकनीकी जानकार और इंजीनियर मौजूद हैं और जैसे ही अमेरिकी सेना काबुल एयरपोर्ट से बाहर निकलेगी, वो एयरपोर्ट को अपने कंट्रोल में ले लेंगे.तालिबान के एक अधिकारी ने बताया कि वो अमेरिका की तरफ़ से अंतिम मंज़ूरी का इंतज़ार कर रहे हैं, मंज़ूरी मिलते ही तालिबान काबुल एयरपोर्ट का पूरा कंट्रोल अपने हाथों में ले लेगा.