
सालों से बरमूडा ट्रायंगल राज़ है। कई रिसर्च के बाद भी वैज्ञानिक इसके राज से पर्दा नहीं उठा पाए हैं। इस बीच ना जाने कितने विमान, एयरक्राफ्ट और जहाज इसके अंदर रहस्यमय ढंग से गायब हुए हैं। ये जगह उत्तर अटलांटिक महासागर में है, जो अमेरिका के पूर्वी तट पर मियामी से महज 1770 किलोमीटर दूर है। कई कॉन्सपिरेसी थ्योरिस्ट्स का कहना है कि बरमूडा ट्रायंगल कुछ और नहीं बल्कि एलियंस का बेस है। कॉन्सपिरेसी थ्योरिस्ट्स के इन दावों में कितनी सच्चाई है?

कब हुआ बरमूडा ट्रायंगल के राज़ का खुलासा?
बरमूडा ट्रायंगल के इस रहस्य की शुरुआत हुई सन 1492 में, अमेरिका की खोज करने वाले महान एक्सप्लोरर क्रिस्टोफर कोलंबस ने बताया कि यहां से गुज़रते वक्त उन्होंने जहाज यात्रा के दौरान एक अजीबोगरीब लाइट आसमान में देखी, जो सीधे आकर महासागर में गिरी। जिसकी वजह से कोलंबस का दिशा बताने वाले यंत्र खराब हो गया। हालांकि जब ये घटना हुई, उस दौरान कोलंबस बरमूडा ट्रायंगल के नज़दीक थे। कई कॉन्सपिरेसी थ्योरिस्ट्स का कहना है कि ये अजीबोगरीब लाइट कुछ और नहीं बल्कि एक एलियन शिप थी। इसी की वजह से उनका दिशा सूचक यंत्र खराब हो गया था। उनके मुताबिक बरमूडा ट्रायंगल एक रास्ता है, जो एलियंस के बेस तक जाता है।

बरमूडा ट्रायंगल पर क्यों होती हैं अजीब घटनाएं?
साल 2009 में बरमूडा ट्रायंगल के पास फ्लाइट में उड़ रहे कुछ लोगों ने आसमान में अजीबोगरीब लाइटों को देखने का दावा किया। ये लाइटें एक खास तरह के वॉर्टेक्स आकार की थीं। इन्हें देखने के बाद ऐसा लगता था कि जैसे ये किसी दूसरे डायमेंशन में जाने का रास्ता हो। ऐसे कई दावे अब तक बरमूडा ट्रायंगल को लेकर किये जा चुके हैं, जो ये संकेत करते हैं कि वहां पर एलियंस का बेस है। ये बातें कोल कपोल हैं या इनमें कोई हकीकत है? ये कोई नहीं जानता।

बरमूडा ट्रायंगल के बारे में क्या कहता है विज्ञान?
वहीं विज्ञान के मुताबिक बरमूडा ट्रायंगल एक ऐसे क्षेत्र में आता है, जहां पर हद से ज्यादा मैग्नेटिक डिस्टर्बेंस है। इस क्षेत्र में 250 किलोमीटर से भी तेज रफ्तार में हवाएं चलती हैं और समुद्र की लहरें करीब 50 फीट तक ऊपर उठ जाती हैं। इस वजह से अक्सर जहाज और कई एयरक्राफ्ट बरमूडा ट्रायंगल में डूबकर गायब हो जाते हैं।