DEAD MAN ALIVE CRIME NEWS : कहते हैं जाको राखे साईया मार सके ना कोई । ये मुरादाबाद के जिला अस्पताल की मोर्चरी में देखने को मिला जहां एक्सीडेंट में मृत घोषित किए गए एक आदमी की जान 7 घंटे बाद वापस आ गई और वो जिंदा हो गया।
सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के मृत हो जाने की सूचना पुलिस को भी दे दी गई थी,जिसके बाद पुलिस शव का पंचनामा करने के लिये जिला अस्पताल मोर्चरी पहुंची थी । पुलिस मरने वाले के जिस्म पर चोट के निशान देख रही थी कि अचानक उसको महसूस हुआ कि वो जिंदा है।
जब इसकी जानकारी परिजनों को हुई तो परिवार में छाया मातम खुशी में बदल गया,और तुरंत डॉक्टर ने आकर उस व्यक्ति का चेकअप किया और इलाज के लिए दोबारा जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। इससे पहले तीन अस्पताल भी उसे मृत घोषित कर चुके थे जिसके बाद गुरुवार रात 3 बजे पोस्टमार्टम कराने के लिए शव को जिला अस्पताल मोर्चरी में रख दिया गया था।

दरअसल शुक्रवार को करीब 11 बजे जिला अस्पताल में बनी मोर्चरी में उस समय अफरा तफरी मच गई जब एक मृत व्यक्ति 7 घंटे बाद जीवित हो गया। परिजनों के अनुसार मझोला थाना क्षेत्र के रहने वाले श्रीकेश नगर निगम में कर्मचारी है वो देर रात घर से दूध लेने के लिए निकला था तभी सड़क पार करते समय श्रीकेश के साथ हादसा हो गया।
परिजनों को जब यह सूचना मिली तो एक के बाद एक तीन निजी अस्पतालों में इलाज के श्रीकेश को ले जाया गया था लेकिन श्रीकेश को मृत घोषित कर दिया था।
तब परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए देर रात जिला अस्पताल लेकर आ गए और जिला अस्पताल की इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर मनोज ने भी श्रीकेश का चेकअप करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में भिजवा दिया लेकिन शुक्रवार की सुबह जब पुलिस शव का पंचनामा करने की तैयारी कर ही रही थी तभी एहसास हुआ कि इस मृत व्यक्ति की तो सांस चल रही है।
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इस बात की जानकारी वहां मौजूद परिजनों ने तुरंत जिला अस्पताल में डॉक्टर को दे दी। सूचना पर मोर्चरी पहुंचे डॉक्टर ने चेकअप कर उस व्यक्ति के जिंदा होने की पुष्टि करते हुए तुरन्त उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कर उसका इलाज शुरू कर दिया गया । परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई,श्रीकेश मुरादाबाद नगर निगम में तैनात है जबकि उसकी पत्नी एक निजी अस्पताल में नौकरी करती है।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर शिव सिंह ने बताया कि श्रीकेश नाम के एक व्यक्ति को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया था। उस समय ड्यूटी कर रहे डॉ मनोज यादव के द्वारा पूरा चेकअप करने के बाद उस को मृत घोषित कर दिया गया था । ऐसे मामले बहुत कम होते हैं।
ऐसे मामलों में जब कभी-कभी व्यक्ति के चोट लगती है और उसको दवाइयां दी जाती है तो उनका असर बहुत देर बाद देखने को मिलता है। उस समय ऐसा महसूस होता है कि व्यक्ति की मौत हो चुकी है इस केस में भी यही हुआ है और दवाइयों का असर बहुत देर के बाद हुआ शायद जिसकी वजह से वह एक बार पुनः जीवित हो गया।
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