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लुटेरे महमूद ग़ज़नवी को हक्कानी ने सोमनाथ मंदिर तोड़ने वाला योद्धा बताया, तो भारतीयों ने ऐसा दिया जवाब कि हक्कानी हुआ हक्का-बक्का

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Mahmud Ghaznavi Somnath Temple News : अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की सरकार का असली चेहरा कहीं छुपा नहीं है. धीरे-धीरे उनकी असलियत सामने आ रही है. अब तो तालिबान सरकार में बड़ी भूमिका निभा रहे आतंकी हक्कानी नेटवर्क खुलकर लुटेरे आक्रमणकारियों को अपना योद्धा बताने पर उतारू हो गया है.

हक्कानी गुट के नेता अनस हक्कानी ने भारत के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple) पर 17 बार आक्रमण करने वाले महमूद गजनवी (Mahmud Ghaznavi) को एक प्रसिद्ध मुस्लिम योद्धा करार दिया है. इस बारे में उसने एक ट्वीट भी किया है.

दरअसल, 5 अक्टूबर को महमूद गजनवी (Mahmud Ghaznavi) के कब्र पर गया था. अनस हक्कानी के साथ उसका छोटा भाई सिराजुद्दीन हक्कानी भी था. सिराजुद्दीन वही शख्स है जो अमेरिका की मोस्ट वॉन्टेड आतंकी लिस्ट में शामिल है और तालिबान सरकार में आंतरिक यानी गृह मंत्री भी है.

गजनवी के कब्र की फोटो के साथ ट्वीट में अनस हक्कानी ने लिखा है - 'आज हमने 10वीं शताब्दी के प्रसिद्ध मुस्लिम योद्धा और मुजाहिद सुल्तान महमूद गजनवी की दरगाह का दौरा किया. गजनवी ने एक मजबूत मुस्लिम शासन स्थापित किया और सोमनाथ मंदिर को तोड़ दिया.

हक्कानी के ट्वीट पर भारतीयों के जवाब जानकर होगा गर्व

गजनवी के ट्वीट पर भारत के काफी संख्या में लोगों ने जवाब दिया. ऐसा जवाब जिसे देखकर आपको गर्व होगा. एक भारतीय यूजर ने सोमनाथ मंदिर की जगमगाती हुई फोटो अपलोड करते हुए लिखा है कि... ये नया श्री सोमनाथ मंदिर भव्य है. लेकिन आज गजनी भिखारी है और उसके देश के लोगों को ये पता नहीं कि अगले दिन खाना मिलेगा भी या नहीं. और अफगानिस्तान के अब वही शासक सोमनाथ मंदिर के उसी क्षेत्र के एक व्यक्ति से मानवीय सहायता का अनुरोध कर रहा है.

एक अन्य यूजर ने सोमनाथ मंदिर के फोटो के साथ लिखा है कि ये मंदिर आज भी गर्व के साथ खड़ा है. और अफ़ग़ानिस्तान के किसी से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत है. जिस पर हम सभी को गर्व है.

सोमनाथ मंदिर

17 बार किया था सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण

अब महमूद गजनवी (Mahmud Ghaznavi) के इतिहास को भी जान लीजिए. वो लुटेरा आक्रमणकारी था. जो भारत को लूटने के तो कई बार सपने देखे. उसे पूरा करने के लिए उसने मानवता पर सबसे क्रूरता के साथ हमला भी किया. सोमनाथ मंदिर (Somnath Mandir) को लूटने के लिए महमूद गजनवी ने 17 बार हमला किया था.

वह तुर्क वंश का पहला स्वतंत्र शासक था, जिसने 1024 AD में सोमनाथ मंदिर को तोड़ा और यहां की संपत्ति लूटी थी. उस घटना के दौरान मंदिर में हजारों लोग पूजा कर रहे थे तभी हमले कर इसने कई क़त्ल किए थे.

महमूद गजनवी

कौन है मंदिरों का लुटेरा महमूद ग़ज़नवी (Who is Mahmud Ghaznavi)

इतिहासकार मोहम्मद हबीब के अनुसार, महमूद गजनवी (Mahmud Ghaznavi) को गजनी का उत्तराधिकारी बनने के बाद खुद को खलीफा से सुल्तान के रूप में मान्यता प्राप्त करना चाहता था. इसलिए उसने भारत पर प्रत्येक वर्ष आक्रमण करने की क़सम खाई थी. ऐसा करने के लिए मध्य एशिया में अपना साम्राज्य स्थापित करने की तैयारी की.

इसके लिए वहां के मुसलमानों के बीच अपनी लोकप्रियता बढ़ाने लगा था. उस समय कुछ लोगों की वजह से उसने भारत में घुसपैठ की थी. प्रोफेसर हबीब के अनुसार, महमूद के आक्रमण को धर्म युद्ध करना एक बुनियादी भूल कही जाएगी, क्योंकि उसका मक़सद ही केवल लूटकर धन प्राप्ति का था.

इतिहासकार जाफर ने बताया था कि महमूद गजनवी(Mahmud Ghaznavi) का उद्देश्य भारत में इस्लाम का प्रचार करना कतई नहीं था. उसका सीधा मतलब धन लूटना था. इसलिए उसने हिंदू मंदिरों पर आक्रमण किया क्योंकि उसे पता था कि मंदिरों से उसे काफी धन मिल सकता है.

गजनवी के बारे में क्या कहा था अटल बिहार वाजपेयी ने

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहा था कि 'गजनी एक छोटी सी जगह है, छोटा सा गांव है।' कल्पना कीजिए सैकड़ों साल पहले वहां धूल उड़ती थीं, झोपड़ियां थीं मगर एक लुटेरा लुटेरों को इकट्ठा करता हुआ सोने की चिड़िया को लूटने के लिए चला आया।

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