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Cyber Crime: ऑनलाइन ठगों के नए अड्डे-नए हथकंडे, जालसाजी के अनोखे तरीके, क्या करें? क्या ना करें और कैसे बचें?

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Delhi Cyber Crime: आज की तारीख में सबसे ज्यादा अपराध (Crime) साइबर (Cyber Criminal) ऑनलाइन फ्राड (Online Fraud) से जुड़े सामने आ रहे हैं। पहले तो पुलिस को जानकारी थी कि साइबर फ्राड का सबसे बड़ा हब झारखंड का जामताड़ा (Jamtara) है जहां से बैठककर आरोपी देश ही नहीं विदेशों में भी साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं।

हाल की रिपोर्ट और पुलिस की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। खुलासा यह कि साइबर अपराधियों नें बाकायदा कई गैंग के साइबर वित्तीय फ्राड करने की ट्रेनिंग मुहैया कराई है। अब जामताडा ही नहीं दिल्ली से सटे मेवात, नूह और भरतपुर से साइबर ठगी की बड़ी वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। 

जामताड़ा की मोडस ऑपरेंडी के मुताबिक एक लैपटॉप और फोन लिए शख्स पहले सैकड़ों लोगों को डाटा जमा करता है और फिर उनको फोन पर कॉल करके एकाउंट अपडेट का झांसा देता था और ओटीपी हासिल करके बैंक खाते पर हाथ साफ कर दिया करता था। धीरे धीरे सरकार और सुरक्षा एजेंसियो के आगाह करने पर लोगों में जागरुकता आई है और आम तौर पर ठगी का ये तरीका फेल हो चला है। 

साइबर ठगी के नए तरीके

कहते हैं ना कि अपराधी अपराध करने के लिए हर रोज नए नए तरीके अपनाता है ठीक इसी तरह साइबर ठगों नें भी ठगी के नए नए तरीके ईजाद कर दिए हैं। आजकल साइबर ठग फेक सरकारी वेबसाइट बनाकर, सरकारी नौकरियों का आश्वासन देकर, पेमेंट एप्लीकेशन, के वाई सी वेरीफिकेशन, कस्टमर केयर कॉल, बीमा पॉलिसी रिनीवल और एडिटेड वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करना जैसी ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं।

इतना ही नहीं हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश यानी मेवात रीजन में क्यूआर कोड, OLX, जस्ट डायल, फेसबुक से जुड़े साइबर क्राइम सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। कई मामलों में इंटरनेट के जरिए लुभावने विज्ञापन और ऑफर के जरिए तो कभी विदेशों से आए धन और लॉटरी से ठगी की शिकायतें पुलिस के पास आ रही हैं।

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ये हैं देश का सबसे बड़ा साइबर ठगी गैंग!

हाल ही में दिल्ली पुलिस ने ऑपरेशन साइबर प्रहार चलाकर जामताड़ा गिरोह का खुलासा किया था यह गैंग 27 प्रदेशों में 1624 लोगों को अपना शिकार बना चुका है। हैरानी की बात यह है कि ठगी गैंग के सरगना ने दो लाख रुपये देकर साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग ली थी। पुलिस की मानें तो यह गिरेाह यूपीआई पेमेंट, केवाईसी, बारकोड व बैंक के फ़र्ज़ी एप और साइट्स बनाकर लोगों के अकाउंट पर हाथ साफ करता था।

हैरानी की बात यह है कि यह गिरोह हो बारकोड के जरिए भी लोगों को मैसेज भेजता था और जैसे ही लोग इस बार कोड को स्कैन करते थे उनके बैंक अकाउंट से पैसा साफ हो जाता था। यही वजह है कि दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करते हुए इस बात के लिए आगाह किया गया है कि यदि कोई आपके पास अनजान लिंक भेजें या यूपीआई आईडी या केवाईसी आईडी मांगे या फिर बारकोड भेजे उसको बिल्कुल स्कैन ना करें। यह इन साइबर लुटेरों की चाल हो सकती है।

इन गिरोह का साइबर ठगी करने का मुख्य हथियार नकली वेबसाइट और यूपीआई के जरिये पेमेंट लेना था। दरअसल इस गिरोह को नकली वेबसाइट बनाने में माहारत है। इसलिए ये लोगों को जाल मे फंसाने के लिए नकली बेवसाइट बनाते हैं और उसके जरिये लोगों को थोक सैकड़ों संदेश भेजते थे। जैसे ही शिकार इनकी जाल में फंस जाता था उससे ये मुख्यत: यूपीआई भुगतान के जरिये पेमेंट मंगाते थे।

इनका उद्देश्य लोगों को यूपीआई भुगतान के लिए प्रेरित करना था। केवाईसी के नाम पर ये लोग ज्यादा ठगी करते थे। पुरानी मोडस ऑपरेंडी के मुताबिक ये साइबर जालसाल पहले लोगों को लगातार फोन करते थे और उनसे बैंक डिटेल मांगते थे, लेकिन अब ये साइबर लुटेरे और हाईटेक हो चुके हैं और मॉडर्न तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। ये बेवसाइट बनाते हैं और उसके जरिये लोगों को थोक में संदेश के साथ लिंक भेजते हैं और ठगी करते हैं।

हाल ही में रिटायर्ड कर्मियो की पेन्शन के लिए डाटा अपडेट करने के नाम पर ठगी करने वाले जामताड़ा गैंग का सरगना गिरफ्तार, पंजाब के मुख्यमन्त्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की पत्नी सांसद परिनीत कौर से 23 लाख रूपये की ठगी को अंजाम दिया था। हाल ही में मेवात और नूह में सक्रिय गैंग के सदस्यों के करीब 1000 सिम कार्ड और 200 बैंक खाते के अलावा लाखों रूपये बरामद हुए थे।

कैसे बचें साइबर अपराधियों से?

गुमनाम नंबर से आए इनाम जीतने वाले लिंक या फिर ईमेल आए लिंक पर गलती से भी क्लिक न करें। बैंक डिटेल्स और ओटीपी जैसी जानकारियां किसी के साथ किसी भी हालत में साझा ना करें। मोबाइल लैपटॉप और ऑनलाइन मनी ट्रांजेक्शन के लिए मजबूत पासवर्ड रखें और समय समय पर बदलते रहें। पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल संभल कर करें।

किसी भी तरह का बैंक या वित्तीय फ्राड होने पर ब्रांच से संपर्क करें। एटीएम डेबिट-क्रेडिट कार्ड को तुरंत ब्लॉक करवा दें। शिकायत दर्ज करवाने के लिए नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल की साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। यहां आप साइबर फ्रॉड की शिकायत कर सकते हैं यहां से आपका ठगा गया धन ब्लाक किया जा सकता है।

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