
विद्या के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Bombay High Court: बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने एक दिलचस्प फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी को ये कहते हुए जमानत दे दी कि इस केस में ये कहना गलत होगा कि व्यक्ति महिला से छेड़छाड़ की नीयत से सीटी बजा रहा था।
क्या था पूरा मामला?
ये मामला अहमदनगर का है। महिला और उसका पति वह घर खरीदना चाहते हैं, जहां योगेश अपने परिवार के साथ रहता है, जबकि मालिक इसे बेचना नहीं चाहता था। दोनों में इस बात को लेकर झगड़ा हुआ। आरोपियों की तरफ से पहले महिला और उसके पति के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। इसके बाद महिला ने यहां रहने वाले तीन युवकों लक्ष्मण, योगेश और सविता पांडव के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया।
पीड़िता का आरोप था कि आरोपी योगेश उसे बुरी नजर से देखता था। शुरुआत में महिला ने सब इग्नोर किया, लेकिन योगेश फिर भी नहीं माना। 28 नवंबर 2021 को योगेश ने युवती का वीडिया बना लिया। कुछ समय के लिए मामला ठंडा हो गया। मार्च 2022 में योगेश ने सारी हदें पार कर दी। आरोप है कि योगेश ने अपनी बालकनी से युवती को देखते हुए सीटी बजाई। यहां तक कि युवक ने युवती को अपशब्द भी कहे। इस घटना के तीन महीनों के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
सेशन कोर्ट ने तीनों की जमानत याचिका रद्द कर दी और आरोपियों को जेल भेज दिया। इस आदेश के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने आरोपियों को बेल दे दी।
