
Shraddha Case : श्रद्धा के कत्ल का आरोपी आफताब कैसे पकड़ा गया, ये अपने आप में दिलचस्प है। आफताब ने शुरुआत से ही मुम्बई और दिल्ली पुलिस दोनों को चकमा देने की कोशिश की और पुलिस से कहा था कि श्रद्धा 22 मई को झगड़े के बाद घर छोड़कर चली गई थी। आफताब ने पुलिस से कहा था कि घर से जाते समय वो सिर्फ अपना फोन लेकर गई थी जबकि बाकी सारा सामान छोड़ गई थी और इसके बाद से वो उसके संपर्क में नहीं आई, लेकिन पुलिस ने जब आफताब और श्रद्धा के कॉल रिकॉर्ड और उनकी लोकेशन की जांच की तो पुलिस के सामने कई सच सामने आए।
पुलिस को पता चला कि 26 मई को श्रद्धा के नेट बैंकिंग अकाउंट ऐप से आफताब के अकाउंट में 54 हजार रूपये ट्रांसफर किए गए थे, जबकि आफताब ने पहले कहा था कि 22 मई के बाद वह श्रद्धा के संपर्क में आया ही नहीं। इतना ही नहीं 31 मई को श्रद्धा के इंस्टाग्राम अकाउंट से उसके दोस्त के साथ एक चैट हुई थी जब पुलिस ने श्रद्धा के फोन का लोकेशन निकाला तो वो दिल्ली के महरौली थाना इलाके का निकला।
26 मई को जो बैंक ट्रांसफर हुआ था उसकी लोकेशन भी महरौली थाना ही निकली। जब आफताब से पुलिस ने इस बारे में पूछताछ की तो आफताब जवाब नहीं दे पाया।
अगले तीन महीने तक उन्हें ठिकाने लगाने के साथ ही उसने श्रद्धा के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी अपडेट किया ताकि किसी को शक न हो। श्रद्धा अपने सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती थी। आफताब सोशल मीडिया पर श्रद्धा बनकर ऐप और उसके दोस्तों के साथ 9 जून तक चैटिंग करता रहा। इन शातिराना तरीकों से ही उसने पुलिस को 6 महीने तक चकमा दिया।