Jaipur Crime News: राजस्थान में रिश्तों को खून-खून करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक भतीजे (Nephew) ने अपनी ही विधवा (Widow) ताई को मौत के घाट उतार (Murder) दिया. कत्ल के आरोपी भतीजे ने हत्या के बाद लाश को मार्बल कटर से काट डाला. आरोपी ने कटर मशीन से शव को कई टुकड़े किए और टुकड़ों को जंगल में ठिकाने लगा दिया.
Jaipur chopped aunt's body into 8-10 pieces: जयपुर पुलिस ने आरोपी अनुज शर्मा उर्फ़ अचिंत्य गोविंददास को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर महिला के शरीर के कुछ हिस्से जंगल से बरामद किए हैं. पुलिस लाश के बाकी टुकड़ो की तलाश में कांबिंग कर रही है. ये खौफनाक कत्ल का मामला विद्याधरनगर इलाके में लालपुरिया अपार्टमेंट सेक्टर-2 का है.
वह चालाक और साइको है
SHO विरेंद्र कुलीन ने बताया जिस तरह से उसने शरीर को ठिकाने लगाने के लिए गूगल मैप्स का इस्तेमाल किया और तथ्यों को छिपाने की कोशिश की, वह दिखाता है कि वह किता चालाक है. जांच से पता चलता है कि उसने मामूली झगड़ों के कारण ऐसा किया- यह दिखाता है कि वह एक साइको है.
SHO विरेंद्र कुलीन ने आगे बताया आरोपी की उम्र करीब 32 साल है और उसने बीटेक किया था. वह 2013 से एक 'हरे कृष्णा मूवमेंट' से जुड़ा हुआ था और हाल तक इस्कॉन के साथ काम कर रहा था. अनुज पर अपनी चाची की हत्या और काट-छाँट कर रहा था
हथौड़े से चाची का सिर फोड़ा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 32 वर्षीय अनुज शर्मा उर्फ अचिंत्य गोविंददास एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते है, उनके पिता एक राष्ट्रीय बैंक से सेवानिवृत्त सहायक महाप्रबंधक हैं और अपनी मौसी सरोज शर्मा (64), पिता, तीन चचेरे भाइयों, सरोज की दो बेटियों और एक भाई के साथ एक संयुक्त परिवार में रहते थे. जहां एक चचेरी बहन की बीकानेर में शादी है, वहीं दूसरी का तलाक हो चुका है और वह अपनी मां के साथ रहती थी. सरोज शर्मा का बेटा विदेश में रहता है.
"अनुज ने लगभग 10 साल पहले एक निजी कॉलेज से इंजीनियरिंग की थी. एक निजी कंपनी में काम किया लेकिन बाद में नौकरी छोड़ दी. नौकरी छोड़ने के पीछे का कारण यह था कि वह 'हरे कृष्णा मूवमेंट' से प्रभावित था और उनमें से एक में शामिल हो गए. वर्ष 2012-13 में मंदिर में उसने अपना नाम बदलकर अचिंत्य गोविंददास कर लिया, "जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने कहा.
इंजीनियर ने चाची को मारा, मार्बल कटर से बॉडी के 10 टुकड़े किए
उन्होंने कहा कि आरोपी मां की कोविड के दौरान मृत्यु हो गई थी जिसके बाद उसकी चाची उसकी देखभाल करती थी.
"11 दिसंबर को जब उसके पिता और चचेरे भाई घर पर नहीं थे, तो आरोपी और पीड़िता के बीच दिल्ली में एक सत्संग में जाने को लेकर कहासुनी हो गई. जिसके बाद आरोपी ने हथोड़े से चाची पर हमला कर दिया जिसके बाद खून की कमी के कारण उसने दम तोड़ दिया.
इसके बाद आरोपी ने एक दुकान पर जाकर शव के टुकड़े करने के लिए चाकू खरीदा. लेकिन जब वह फेल हो गया तो आरोपी एक हार्डवेयर की दुकान पर गया और ड्रिलिंग मशीन लेकर आया और उसके टुकड़े-टुकड़े कर एक बैग में भर दिया.
सत्संग में जाने की तैयारी कर रहा था
अधिकारी ने कहा, "हैरानी की बात यह है कि अनुज सत्संग का भी समन्वय कर रहा था. शव को ठिकाने लगाने के दौरान वह जयपुर से आए मेहमानों की संख्या को लेकर समन्वय कर रहा था. उसने कैब और सुविधाओं की व्यवस्था को लेकर भी विवाद किया था."
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