
AIIMS Cyber Attack: बीते कई दिनों से AIIMS का सर्वर हैक होने की खबरें आ रही हैं। करीब पिछले 7 दिनों से सर्वर हैक है। एम्स का सर्वर 23 नवंबर की सुबह 7 बजे से. 24 घंटे बाद भी सर्वर ठीक नहीं हो पाने के बाद एम्स के अफसरों ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया था।
जानकारी के मुताबिक AIIMS सर्वर हैक मामले को लेकर गृह मंत्रालय में अहम बैठक हुई। बैठक में IB के सीनियर अधिकारी AIIMS एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े अधिकारी, NIC के अधिकारी, NIA के सीनियर अधिकारी, दिल्ली पुलिस और MHA सीनियर अधिकारी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि एम्स की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। इस मामले को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशन (IFSO) यूनिट को सौंप दिया गया था। सूत्र ये बताते है कि इंडिया कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-IN), दिल्ली पुलिस, CBI और (IB) के साइबर एक्सपर्ट मामले को देख चुके हैं।
एम्स में काम कर रही नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर (NIC) की टीम ने रैनसमवेयर अटैक की आशंका जताई थी। एम्स का सर्वर NIC की टीम ही संभालती है। 23 नवंबर को एम्स का सर्वर अचानक हैक हो गया है जिस वजह से एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की बुकिंग तक नहीं हो पाई थी। मरीजों के अटेडेंट घंटों देर तक लाइन में खड़े रहे लेकिन सर्वर चालू नहीं हो सका। इसके बाद एम्स प्रशासन ने मैनुअली सेवाओं को शुरू किया था।
इस रैनसमवेयर अटैक में अस्पताल की ओपीडी से लेकर मरीजों के इलाज से जुड़ी हर डिटेल अचानक गायब हो गई थी। अब इसी डेटा को फिर से एम्स के सर्वर पर लौटाने के एवज में 200 करोड़ रुपये की डिमांड की भी खबरें आ रही हैं।