
MADHYA PRADESH CRIME NEWS
मध्य प्रदेश के इंदौर में शनिवार 30 अक्टूबर की शाम एक हैरतअंगेज मामला सामने आया. घटना में संदिग्ध अवस्था में जैन मुनि आचार्य विमद सागर की लाश फंदे से लटकी हुई मिली है. घटना के बाद जैन समाज के लोगों में सनसनी का माहौल बन गया है.
दरअसल वारदात से तीन दिन पहले जैन मुनि अपने चतुमार्स के लिए इंदौर के दिगंबर जैन मंदिर संत सदन में आए थे. हर रोज़ की तरह उस दिन भी जैन मुनि की दिनचर्या तय थी और वे विहार यानी भोजन के लिए इंदौर के गुमास्ता नगर में जाने वाले थे. मगर इससे पहले जो हुआ उसे देख जैन मुनि के भक्तों की पैरों तले ज़मीन खिसक गई.

जैन मुनि का शव संदिग्ध हालातों में रस्सी के सहारे, कमरे के पंखे से लटका मिला. आचार्य के मौत की ख़बर मिलनी से जैन समाज के लोगों का धर्मशाला सदन में ताता लग गया. मौक़ा ए वारदात पर पुलिस भी फोरन पहुँचती हैं.
पाश्वनार्थ दिगंबर जैन मंदिर नंदानगर प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार का रोज सुबह 9 से 10 बजे तक प्रवचन होता था. वह एक दिन छोड़कर आहारचर्या करते थे. यानी उन्होंने नमक, तेल, शक्कर, दूध का आजीवन त्याग कर रखा था. आचार्य खड़े होकर साधना करते थे. वे शनिवार को भी आहारचर्या पर गए थे. और शाम को समाजजनों को घटना का पता चला. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

45 साल के जैन मुनि का मामला ठीक महंत नरेंद्र गिरि जैसा दिख रहा है. बता दें कि 20 सितंबर को महंत की भी लाश फंदे से लटकी मिली थी. जिसके बाद मामले में मुख्य आरोपी आनंद गिरि, आद्दा तिवारी और संदीप तिवारी को हिरासत में लेकर नैनी जेल में बंद किया है.