Latest Crime News: साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए अब गुरुग्राम पुलिस ने ज़िले के हरेक थाने में एक साइबर डेस्क बनाने का इरादा किया है। बल्कि ये कहा जा सकता है कि तैयारी शुरू कर दी है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि क्योंकि अब गुरुग्राम के ज़्यादातर थानों में हर दूसरा मामला साइबर क्राइम से जुड़ा हुआ होता है। ऐसे में बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस महकमे ने ये फैसला किया है।
साइबर डेस्क का मतलब ये नहीं कि एक मेज़ कुर्सी डालकर कुछ रजिस्टर और एक मोबाइल या कम्प्यूटर रख दिया जाएगा, बल्कि पूरी एक यूनिट तैयार की जाएगी जिसे मोबाइल और कंप्यूटर की अच्छी खासी ट्रेनिंग दी जाएगी। बिलकुल वैसी ट्रेनिंग जैसी किसी हैकर की ट्रेनिंग होती है। इसका फायदा ये होगा कि पुलिस के सिपाहियों को भी मोबाइल या लेपटॉप से होने वाले तमाम तरह के अपराधों को करने के अलावा उन अपराधों की तह में जाने के बारे में पता लगाया जा सकेगा।
हर घंटे दो लोग हो जाते हैं साइबर ठगों का शिकार
Drive Against Cyber Crime: गुरुग्राम पुलिस महकमें की तरफ से ये भी पता चला है कि आलम ये है कि हर घंटे कम से कम दो लोग साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं और हर महीनें 15 सौ से ज़्यादा मामले दर्ज हो जाते हैं। जबकि बीते चार महीनों के दौरान 6 हज़ार से ज़्यादा साइबर ठगी मामले दर्ज हुए हैं।
जबकि पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक इनमें से सिर्फ दो हज़ार ही ऐसे मामले हैं जिन्हें निपटाया जा चुका है। जबकि बाकी मामलों में अभी भी तफ्तीश चल रही है। लेकिन हर महीनें बढ़ती साइबर अपराधों की संख्या से थाने में शिकायतों के अंबार लगते जा रहे हैं। लिहाजा पुलिस महकमें ने इन अपराधों को तेजी से निपटाने के लिए हरेक थाने में अलग से डेस्क बनाकर इस पूरे मामले को ही एक स्पेशलिस्ट डेस्क का दर्जा देने की तैयारी चल रही है।
इस साइबर डेस्क का काम सिर्फ साइबर अपराधों को निपटाना ही नहीं बल्कि लोगों को साइबर अपराधों के बारे में वक़्त वक़्त पर हिदायतें देना भी है ताकि साइबर ठगों के हमलों से बचा जा सके।
साइबर ठगों के निशाने पर किशोर और बुज़ुर्ग़
Cyber News In Hindi : पुलिस की पड़ताल में ये बात भी सामने आ चुकी है कि साइबर ठगों का ज़्यादातर किशोर और किशोरी शिकार हो जाते हैं। जबकि रिटायर्ड और बुजुर्ग लोगों को शातिर साइबर अपराधी आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं। इसी गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नरेट साइबर सिटी के 32 थानों में साइबर डेस्क बनाने जा रहा है।
थाना प्रभारी भूपिंदर सिंह की माने तो साइबर ठगी को साइबर क्राइम को रोकने का एकमात्र उपाय है जागरूकता और साइबर पुलिस पार्कों में स्कूलों में RWA की मदद ले नागरिकों को जागरूक करने का काम को तेजी से बढ़ाने जा रही है।
वही अगर आप भी हो चुके है साइबर ठगी का शिकार तो तुरंत एमएचए द्वारा जारी साइबर क्राइम के टोल फ्री नंबर 1390 पर कॉल कर साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करवा सकते है और तमाम थानों में साइबर डेस्क बनाये जाने के बाद साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को अब थानों में ही सुलझाया जा सकेगा।