
G20 Summit Putin Why Absent : G20 समिट में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल नहीं हो रहे हैं. इनके शामिल नहीं होने पर कई सवाल उठ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में दावे ये भी किए जा रहे हैं कि वो अपनी गिरफ्तारी के डर से तो अपने देश को छोड़कर दूसरे देशों में नहीं जा रहे हैं. हाल में ही ब्रिक्स समिट में भी व्लादिमीर पुतिन शिरकर नहीं किए थे. इसके अलावा अगस्त 2023 में ही तुर्किये में भी शामिल होना था लेकिन आखिरी वक्त में उन्होंने उस मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया था. ऐसे में 17 मार्च को ICC यानी इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट की तरफ से जारी पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट एक बड़ी वजह तो नहीं है. आइए जानते हैं कि आखिर व्लादिमीर पुतिन अपने देश छोड़कर दूसरे देशों में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय मीटिंग में क्यों नहीं शामिल हो रहे हैं...

पुतिन के खिलाफ क्या है गिरफ्तारी वॉरंट मामला
Vladimir Putin Arrest Warrant : असल में यूक्रेन में हमले के दौरान बच्चों को गैर कानूनी व अवध तरीके से रूस ले जाने के मामले में दुनिया की अंतरराष्ट्रीय अपराध कोर्ट (ICC) ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दोषी माना है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में भी ICC के हवाले से दावा किया है कि 16 हजार से ज्यादा यूक्रेनी बच्चों को जबरन रूस में भेजा गया. इस केस की जांच की जिम्मेदारी पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक और ICC के प्रॉसिक्यूटर करीम अहमद खान को है.
क्या गिरफ्तारी से पुतिन को डर है या कोई और वजह
Vladimir Putin in G20 Summit : अब सवाल उठता है कि क्या ICC की तरफ से जारी गिरफ्तारी वारंट की वजह से ब्लादिमीर पुतिन लगातार कई देशों का दौरा करने से बच रहे है. इंडिया में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भी शामिल होने से मना कर दिया. इस बारे में 28 अगस्त को पुतिन ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को ये जानकारी दी कि वो जी-20 में शामिल होने नहीं आ सकेंगे. बल्कि उनकी जगह पर रूस के विदेश मंत्री हिस्सा लेंगे.
लेकिन पुतिन ऐसा क्यों कर रहे हैं. असल में विदेश मामलों के एक्सपर्ट बता रहे हैं कि वैसे तो पुतिन को ऐसे गिरफ्तार कर लेना इतना आसान नहीं है. वो एक देश का राष्ट्राध्यक्ष हैं. कहने का मतलब ये है कि पुतिन को गिरफ्तार करने जैसे कदम को उठाना वैसे भी सिर्फ ICC के वॉरंट से आसान नहीं है. लेकिन पश्चिमी देश खासकर पुतिन का हर मंच पर विरोध कर रहे हैं.

पुतिन को विरोध का डर और जान का खतरा भी
G20 India Summit : ऐसे में अगर किसी वैश्विक मंच पर पुतिन शामिल होने के लिए आते हैं तो जाहिर है उनका विरोध किया जाएगा. कुछ देशों के प्रतिनिधि या राष्ट्राध्यक्ष विरोध जता सकते हैं. पुतिन के आने की वजह से ये भी हो सकता है कि कई पश्चिमी देश उस मीटिंग में शामिल भी नहीं हो. ऐसे में पुतिन खुद ही किसी बड़े सम्मेलन में शामिल होने से बच रहे हैं. इसके अलावा पुतिन को अपनी जान का खतरा भी है. क्योंकि उनके देश में ही इसी साल जून में रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर तख्तापलटने की कोशिश कर चुकी है. वैगनर ने साफतौर पर कहा था कि रूस को जल्द नया राष्ट्रपति मिलेगा. इसके साथ ये भी कहा था कि पुतिन ने गलत ऑप्शन चुना है.