
Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल के शूटर्स अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इस बीच इस मामले की जांच तेज होती जा रही है। अब पुलिस के रडार पर 500 से ज्यादा कारें हैं। दरअसल, अब पुलिस जनवरी और फरवरी में बरेली और आसपास के इलाकों में आने-जाने वाली 500 कारों का डाटा इकट्ठा कर रही है ताकि कोई सुराग हाथ लग सके। पुलिस इन लोगों के बारे में और यहां आने-जाने के कारण की तलाश कर रही है। इसके लिए बरेली-लखनऊ रूट पर सीतापुर, बरेली-दिल्ली रूट पर फतेहगंज पश्चिमी और बरेली-उत्तराखंड रूट पर भोजीपुरा टोल प्लाजा से जानकारी मांगी गई है।
इसके लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं। इनका डाटा प्रयागराज पुलिस से भी शेयर किया गया है। उमेश पाल हत्याकांड से बरेली जेल का कनेक्शन जोड़ने के बाद पुलिस हर बिंदु पर पड़ताल कर रही है, क्योंकि अतीक का भाई अशरफ बरेली जेल में बंद है और उस पर साजिश में शामिल होने का आरोप है।
उधर, पुलिस सूत्रों के अनुसार, हत्याकांड को अंजाम देने से पहले असद ने 16 मोबाइल और 16 सिम खरीदे थे। बताया जा रहा है कि ये सिम फर्जी नाम-पते पर खरीदे गए थे। हत्याकांड के बाद हर शूटर को तीन-तीन सिम और मोबाइल दिए गए थे।
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद शाइस्तां ने हर एक को एक-एक लाख रुपए दिए थे। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद हरेक शूटर ने इन मोबाइल फोनों का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था।