+

शहीद हुए अफसरों की भी फैमिली है, बीवी को नहीं पता कर्नल शहीद हो गए, बाप के कंधे पर बेटे का जनाजा

Anantnag Encounter: एनकाउंटर में सेना के दो बड़े अफसर और जम्मू कश्मीर पुलिस का एक अधिकारी का शहीद होना पूरे देश को गम के गहरे समंदर में डुबो गया।
featuredImage

Colonel, Major, DSP killed in Kokernag encounter: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ एनकाउंटर में सेना के दो बड़े अफसर और जम्मू कश्मीर पुलिस का एक अधिकारी का शहीद होना पूरे देश को गम के गहरे समंदर में डुबो गया। ऐसे लगा मानो बैठे बैठे मौत आ गई हो। जिसने भी ये खबर बुधवार की देर शाम सुनी तो फिर उसकी बेचैनी का आलम जबरदस्त था। 

डीएसपी हुमायूं भट्ट सुपुर्द ए खाक 

जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट के पार्थिव शरीर को बुधवार की रात सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। जबकि सेना के दोनों अफसरों का अंतिम संस्कार होना बाकी है।  लेकिन जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में छिपे आतंकियों को ढेर करने के लिए सेना और पुलिस की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन कर रही हैं। इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला कर दिया। 

आतंकियों ने लगाया एंबुश

आतंकियों ने ऐन उस टीम को निशाने पर लेकर फायरिंग शुरू की जो सर्च ऑपरेशन के दौरान एक साथ खड़े होकर अपनी टीम का नेतृत्व कर रहे थे। आतंकियों की तरफ से चली गोली तीन अफसरों को लगी। हालांकि उसके बाद एनकाउंटर शुरू हो गया और दोनों तरफ से जमकर फायरिंग हुई। जिन अफसरों को आतंकियों की गोली ने बुरी तरह से जख्मी किया था उनमें सेना के दो अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह. और बटालियन कमांडर मेजर आशीष धोनैक शामिल थे जिनकी जिंदगी बचाई नहीं जा सकी। 

संवेदना साझा की

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शहीद अफसरों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के लोगों के साथ अपनी संवेदना साझा की। गौर करने वाला पहलू ये है कि तीनों अफसर शादी शुदा हैं और तीनों के ही बच्चे भी हैं। 

कर्नल की पत्नी को शहीद होने का पता नहीं

इस घातक हमले में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह हरियाणा के पंचकुला के सेक्टर 26 के रहने वाले थे। पंचकुला में कर्नल के परिवार में उनकी पत्नी जगमीत ग्रेवाल के साथ साथ उनकी बहन और बहनोई भी थे। कर्नल की पत्नी जगमीत ग्रेवाल को ये नहीं बताया गया कि उनके पति शहीद हो चुके हैं, उन्हें बस इतना बताया गया है कि वो गोली लगने से घायल हुए हैं। जबकि उनके बहनोई को सारी बातें पता चल चुकी हैं। कर्नल मनप्रीत की पत्नी जगमीत ग्रेवाल हरियाणा के एक सरकारी स्कूल में लेक्चरर हैं। उनके दो बच्चे हैं, एक बेटा, जिसकी उम्र छह साल है जबकि बेटी दो साल की है। कर्नल मनप्रीत ग्रेवाल का पार्थिव शरीर आज पंचकुला पहुँचा। आज ही अंतिम संस्कार होगा। और बस अंदाजा ही लगाया जा सकता है कि वहां का आलम क्या होगा।

कर्नल मनप्रीत सिंह ऑपरेशन को कर रहे थे लीड

पता चला है कि इस ऑपरेशन को कर्नल मनप्रीत सिंह की लीड कर रहे थे। उन्होंने टीम ललकारते हुए टीम के साथ आतंकियों पर हमला बोल दिया था। लेकिन एक एंबुश में वो बुरी तरह से घायल हो गए। कर्नल मनप्रीत सिंह कमांडिंग ऑफिसर भी थे। उन्हीं के हवाले राष्ट्रीय रायफल्स की यूनिट थी। 

अनंतनाग में शहीद हुए अफसर

पानीपत के थे मेजर आशीष

अनंतनाग में आतंकियों की मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष धोनैक हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले थे। मेजर आशीष मूल रूप से बिंझौल गांव के रहने वाले थे लेकिन उनका पूरा परिवार पानीपत के सेक्टर सात में रहता है। मेजर आशीष धोनैक अपने परिवार में तीन बहनों के बीच इकलौते भाई थे। मेजर आशीष की दो साल पहले ही मेरठ से जम्मू में पोस्टिंग हुई थी। सेना मैडल से सम्मानित हो चुके मेजर आशीष के दो साल की एक बेटी भी है। 

पिता के कंधे पर बेटे का जनाजा

जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट भी दो साल की बेटी के पिता थे। लेकिन उनकी एक और पहचान है वो एक रिटायर्ड पुलिस अफसर आईजी गुलाम हसन भट के बेटे हैं। बताया जा रहा है कि ज़्यादा खून बहने की वजह से हुमायूं को बचाया नहीं जा सका। उनका शव बडगाम के हुम्हामा में सुपुर्दे खाक कर दिया गया। हालांकि हुमायूं पुलवामा के रहने वाले थे लेकिन बीते काफी सालों से उनका पूरा परिवार बडगाम जिले के हुम्हामा मे बस गया था। इससे बड़ा दुख रिटायर्ड आईजी साहब के लिए और क्या हो सकता है कि अपने जीते जी बेटे के जनाजे को कंधा देना पड़ा।

मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार की शाम कोकरनाग के हलूरा गंडूल इलाके में आतंकियों के छुपे होने की खबर मिली थी लिहाजा सुरक्षा बल ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया था। हालांकि इस ऑपरेशन को रात के वक्त रोक दिया गया था। मगर गांव के आस पास घेरा बनाए रखा गया। इसी बीच बुधवार की सुबह सुरक्षा बल ने आतंकियों को चारो तरफ से घेर लिया। लेकिन एनकाउंटर की तैयारी और पूरे ऑपरेशन को संभालने वाले तीनों बडे अफसर एक जगह पहुँचे तो वहां आतंकियों ने पहले ही घात लगाकर मोर्चा बंदी कर ली थी। और छुपे हुए आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। देखते ही देखते दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। लेकिन जब तक सेना के अधिकारियों को गोली लग चुकी थी। इसके ऑपरेशन में लगी यूनिट के अफसरों ने सेना और पुलिस के घायल अफसरों को फौरन एयरलिफ्ट से अस्पताल पहुंचाया मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी। 

शेयर करें
Whatsapp share
facebook twitter