
US Presidential Cadillac: G20 समिट का हिस्सा बनने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भारत पहुँचने वाले हैं। हालांकि मेजबान होने के नाते भारत ने देश में आने वाले तमाम मेहमानों के ठहरने और उनके आने जाने का बहुत शानदार इंतजाम किया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति का रुआब तो कुछ अलग लेवल का है। क्योंकि वो जब भी किसी भी देश की यात्रा पर जाते हैं तो साथ में अपने साथ एक मजबूत और सड़क पर दौड़ने वाले अभेद्य किले को लेकर चलते हैं। भारत आने के बाद बाइडेन सबसे सुरक्षित कार 'द बीस्ट' (What is The Beast) में सफर करेंगे, जिसे बोइंग C-17 ग्लोबमास्टर से लाया जा रहा है।
The Beast The Best
What is The Beast: ‘द बीस्ट’ को दुनिया भर में ‘द बेस्ट’ भी कहा जाता है। और उसकी वजह है इस कार की खासियत जो कई मायनों में दुनिया भर की तमाम सुरक्षित कारों से एकदम जुदा और नेक्स्ट लेवल की सुरक्षित कार कहलाती है। तो सबसे पहले यही बात कर लेते हैं कि आखिर ये कार किसने तैयार की।
राष्ट्रपति की कैडिलैक कार
राष्ट्रपति की कार किसने बनाई: अमेरिकी राष्ट्रपति की कैडिलैक कार को ही दुनिया की सबसे मजबूत कार का दर्जा दिया गया है और उसे ही THE BEAST कहा जाता है। IED जैसे ब्लास्ट और केमिकल हमलों तक को झेल सकने वाली इस कार के निर्माता हैं अमेरिका की सबसे बड़ी और प्रमुख कार कंपनी, जनरल मोटर्स। उन्होंने ही अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए इस कैडिलैक मोटर कार का डिजाइन तैयार किया। सबसे बड़ी बात ये है कि हरेक राष्ट्रपति के लिए ये कंपनी अलग कार तैयार करवाती है, और वो कार पिछली कार के मुकाबले अपग्रेड होती है। कंपनी ये तय और सुनिश्चित करती है कि ये कार लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस किया जाता है।
बाइडन की कार का नंबर 46-
एक बात को जानने की दिलचस्पी हरेक की होती है कि इतने बड़े मुल्क के राष्ट्रपति की गाड़ी का आखिर नंबर क्या होता होगा। तो उसका जवाब है कि राष्ट्रपति का क्रम ही उनकी गाड़ी का नंबर होता है। यानी जो बाइडन ने 20 जनवरी 2021 को अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण की थी और वो जिस कैडिलैक कार का इस्तेमाल करते हैं उसका नंबर भी 46 ही है। यानी उनकी कार को देखकर ही ये पता लग जाता है कि वो किस नंबर के राष्ट्रपति हैं अपने मुल्क में। हालांकि उनके काफिलें में कुल कितनी कारें होती हैं इसकी संख्या के बारे में कोई भी पुख्ता तौर पर नहीं बताया जाता और ये भी अलग अलग देशों के हिसाब से अलग अलग होता है। एक उदाहरण के तौर पर जब जो बाइडन इटली के दौरे पर गए थे तब बाइडन के काफिले में 20 से ज्यादा बीस्ट थीं।
मायावी कार
कार नहीं बख्तरबंद गाड़ी है- हम सभी ने जेम्स बॉन्ड की फिल्में देखी हैं और उन फिल्मों में जेम्स बॉन्ड की कार के कारनामें देखकर हम सभी हैरत में पड़ जाते हैं। मगर अमेरिकी राष्ट्रपति की कार द बीस्ट का हाल और आलम भी कुछ कुछ वैसा ही है। बताया जाता है कि इस कार में हमलावरों से बचने के लिए 120 वोल्ट का बिजली का झटका देने का बंदोबस्त है, स्मोक स्क्रीन के साथसाथ दरवाजे पर खास तरह के हैंडल हैं। इसके अलावा दुश्मन की गाड़ी को बीस्ट से दूर करने और रखने के लिए ऑयल लेयर यानी सड़क पर तेल की एक परत बिछाने की डिवाइस मौजूद है। इसके साथ साथ पंप एक्शन शॉटगन इसमें कुछ इस तरह से है कि खतरा होते ही उसे सिर्फ एक क्लिक पर एक्टिव किया जा सकता है। एक बटन कार के किसी भी हिस्से से सामने आकर रॉकेट को लॉन्च कर सकता है। इस कार में ग्रेनेड फेंकने की क्षमता है तो नाइट विजन उपकरण भी मौजूद हैं। आंसू गैस के गोले छोड़कर भी ये कार मायावी तरीके से आंखों से ओझल हो सकती है।
अभेद किला सड़क पर
बताया जा रहा है कि सड़क पर दौड़ने वाली इस बीस्ट कार का वजन करीब 10 टन के आस पास है। और इस कार को किसी भी संभावित ब्लास्ट और विस्फोटकों से बचाने के लिए कार की बॉडी को 8 इंच की मोटी चादर से तैयार किया गया है जिस पर किसी भी तरह के विस्फोटक का असर नहीं हो सकता। इसकी बॉडी स्टील, टाइटेनियम, एल्यूमिनियम और सेरेमिक से तैयार की जाती है। और धातुओं का यही मिश्रण इसे सड़क पर दौड़ता हुआ अभेद्य किला बना देता है। इस कार के ग्लास पांच इंच मोटे होते हैं...यानी इतने मोटे की 44 मैग्नम बुलेट को भी आसानी से रोक लें। किसी भी तरह का रासायनिक हमला इस पर बेअसर साबित हो सकता है। अगर इस कार के दोनों टायर भी भस्ट कर दिए जाएं तब भी ये गाड़ी मीलों का सफर तय कर सकती है हालांकि उस दौरान इसकी रफ्तार थोड़ी कम होगी। इतनी भारी कार लेकिन 15 सेकंड में ये 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करने का कमाल करती है।
The Beast की खास ट्रेनिंग
जब द बीस्ट कार इतनी भारी है तो इसे संभालना और सड़क पर चलाना मामूली तो हो नहीं सकता। आखिर 18 फीट लंबी इस विशालकाय मशीन को संभालने के लिए अमेरिका की सीक्रेट सर्विस के एजेंटों को खासतौर पर ट्रेनिंग दी जाती है। क्योंकि इस कार को चलाना ही एक मकसद नहीं है...बल्कि राष्ट्रपति की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि कार में लगे तमाम उपकरण और सुरक्षा उपायों का भी इस्तेमाल करना आना चाहिए। यानी असुरक्षित हालात में कैसे सुरक्षित हों और कितनी जल्दी फैसले ले सके..इसके लिए बाकायदा एक ट्रेनिंग की लंबे सिलसिले से गुजरना होता है। द बीस्ट को चलाने वाले ड्राइवर की रैंक सेना के किसी कर्नल के रैंक के बराबर होता है।
साउंड प्रूफ कार
आर्मर प्लेटिंग वाली द बीस्ट में बॉडी लेयर काफी मोटी होती है। इतनी मोटी कि कार की खिड़की का शीशा भी पांच इंच मोटा होता है। इसी वजह से इस कार के केबिन में किसी भी तरह की कोई भी आवाज नहीं पहुँच सकती यानी बाहरी आवाज के आने की संभावना करीब करीब न के बराबर है। हालांकि माइक्रोफोन या स्पीकर के जरिए बाहरी आवाजों को सुना जा सकता है। इस कार के केबिन के सभी तरह के कम्यूनिकेशन डिवाइसेज लगे हैं और उन्हें हर लिहाज से अपडेट रखा जाता है।
कार की कीमत
जब चर्चा अमेरिकी राष्ट्रपति को पूरी तरह से हिफाजत से एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाली द बीस्ट की बात हो रही है तो एक सवाल हरेक के जेहन में आता ही होगा कि आखिर इस कैडिलैक कार की कीमत कितनी होगी? तो ये समझ लीजिए कि दुनिया की किसी भी कार की कीमत इस कार के आगे मामूली ही लगेगी। ग्लोबल मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक द कैडिलैक कार को तैयार करने में करीब 15 लाख डॉलर का खर्च आता है, जबकि उसमें बाकी उपकरण और आधुनिक अपडेट के बाद इसकी कीमत का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है।
खास टायर और खास हिदायत
इस कार के टायर बनाने वाली कंपनी किसी और कार के लिए टॉयर नहीं बनाती। और टायर को तैयार करने में जितनी भी आधुनिक टैक्नॉलॉजी लगाई जा सकती है, उन सभी का इस्तेमाल यहां पहले ही किया जाता है।