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बाथरूम में थी रेनू की लाश और पार्टी को दिखाई जा रही थी कोठी, AC के 22 डिग्री ने किया ये सबसे बड़ा खुलासा

Noida Lawyer Murder: नोएडा का रेनू हत्याकांड इस वक़्त पुलिस के लिए गले की हड्डी बन चुका है, क्योंकि इस एक मर्डर के खुलासे ने नोएडा पुलिस को सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है
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Noida Lawyer Renu Murder Case: नोएडा में सेक्टर 30 की कोठी नंबर D-40 बीते 48 घंटों से सुर्खियों में है। वजह है इस कोठी की मालकिन और सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील रेनू सिन्हा का कत्ल हो गया। और कत्ल करने का इल्जाम किसी और पर नहीं बल्कि खुद रेनू सिन्हा के पति नितिन सिन्हा पर लगा है। और जबसे ये किस्सा सामने आया बस तभी से हड़कंप मचा है। खासतौर पर दो बातों के लिए कि नोएडा में एक सनसनीखेज मर्डर से नए नए खुलासे हर गुजरते मिनट के साथ सामने आते जा रहे हैं लेकिन दूसरी बात सबसे ज़्यादा हैरत में डालती है और वो ये कि नोएडा पुलिस ने शायद कसम खा ली है कि हम नहीं सुधरेंगे। 

नोएडा की कोठी नंबर D-40

पुलिस की वही पुरानी गलती

क्योंकि रेनू सिन्हा मर्डर केस में भी उसने वही पुरानी गलती दोहराई जिसकी वजह से उसकी बड़ी फजीहत हुई थी। जो गलती नोएडा पुलिस ने आरुषि हत्याकांड के समय की थी, ठीक वही गलती इस बार भी नोएडा पुलिस ने सेक्टर 30 की कोठी नंबर D-40 में दोहराई। तभी तो कत्ल के आरोपी को पकड़ने में पुलिस को 26 घंटों से ज़्यादा लग गए जबकि वो कहीं फरार नहीं हुआ था बल्कि पुलिस की वजह से डरकर उसी कोठी में ही छुप गया था। 

फोन नहीं उठा तो खुला राज

ये बात तो अब खुलकर सामने आ ही चुकी है कि रेनू सिन्हा सुप्रीम कोर्ट में वकील थी। लेकिन पिछले दो दिनों से उनकी बहन उन्हें फोन कर रही थीं और फोन कोई रिसीव नहीं कर रहा था। यहां तक कि रेनू के पति भी अपना फोन पिक नहीं कर रहे थे। ऐसा पहले कभी हुआ नहीं था लिहाजा उनका दिल घबराया और उन्होंने फौरन इसके बारे में पुलिस को इत्तेला दी। 

रेनू सिन्हा और कोठी नंबर D-40

बाथरूम में मिली लाश

पुलिस बिना देरी किए कोठी पर पहुंच गई। भाई और बहन की मौजूदगी में जब कोठी की तलाशी ली गई तो बाथरूम के अंदर का मंजर डराने वाला था क्योंकि रेनू का शव खून से लथपथ पड़ा हुआ था। देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई। इसके बाद तो मौका-ए-वारदात पर पुलिस के तमाम आला-अधिकारी भी पहुंच गए और घर की तलाशी तेज कर दी गई, पुलिस के लोग छानबीन में जुट गए।

कोठी में ही छुपा मिला आरोपी

इस कत्ल के लिए रेनू के घरवालों ने रेनू के पति पर ही इल्जाम लगा दिया। क्योंकि मौके से रेनू के पति नदारद थे। फरार पति की तलाश में पुलिस भी जुट गई। पता चला कि पुलिस जिनकी तलाश कर रही है वो भी रिटायर्ड सरकारी अफसर थे। उनका नाम नितिन सिन्हा है और पूर्व IRS अधिकारी रह चुके हैं। पुलिस ने उनकी तलाश की लेकिन उनका कहीं कोई अता पता नहीं मिला था। लेकिन बीती रात पुलिस ने रेनू के पति नितिन सिन्हा को जैसे ही पकड़ा तो पुलिस की गलती भी सामने आ गई। क्योंकि जिस कोठी पर पुलिस पिछले 24 घंटे से पैर जमाए खड़ी है। दावा था कि घर का कोना कोना खंगाला जा चुका है उसी कोठी के एक स्टोर से नितिन सिन्हा बाहर निकले। नितिन सिन्हा कत्ल की वारदात के बाद वहीं जाकर छुप गए थे। देर रात 3 बजे पुलिस ने स्टोर रूम से बाहर निकाला। पूरे 24 घंटे तक आरोपी वहीं छुपा रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी। 

रेनू सिन्हा और उनके पति नितिन सिन्हा

स्टोर रूम में बिताए 24 घंटे

जाहिर है आरोपी के सामने आने के बाद पुलिस की पूछताछ का सिलसिला शुरू होना था सो हुआ भी।  खुलासा हुआ कि जिस वक्त रेनू के पति को पुलिस ने कोठी के स्टोर रूम से बाहर निकाला था उस वक्त उनके पास उनके डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अलावा उनका पासपोर्ट भी मौजूद था। पता चला कि वो इंग्लैंड भागने की फिराक में थे। हालांकि उन्हें अभी तक वीजा नहीं मिल पाया था। 

गला दबाकर हत्या

पुलिस की पूछताछ में ये खुलासा हुआ है कि आरोपी ने गला दबाकर ही रेनू की हत्या की लेकिन हत्या से पहले दोनों के बीच अच्छी खासी हाथा पायी हुई थी। रेनू सिन्हा को बोन कैंसर था। इसलिए दोनों पति पत्नी अलग अलग रूम में ही सोते थे ताकि इन्फेक्शन से बचा जा सके। 

हत्या के बाद प्रॉपर्टी ब्रोकर आया घर पर

सबसे हैरान करने की बात ये सामने आई है कि महिला की हत्या करने के बाद मकान को बेचने के लिए एक दलाल को बुलवाया था। हत्या के बाद रेनू का पति नितिन सिन्हा प्रॉपर्टी ब्रोकर का इंतजार कर रहा था और उसके आने के बाद उसने बाकायदा पूरी कोठी ब्रोकर को अच्छी तरह दिखाई भी। यानी कितने कितने ठंडे दिमाग से नितिन सिन्हा ने इस वारदात को अंजाम देने के बाद पूरी प्लानिंग की थी। 

पौने पांच करोड़ में सौदा, 80 लाख की पेशगी

खुलासा ये हुआ है कि नितिन ने करीब चार करोड़ 75 लाख में इस कोठी का सौदा भी कर दिया था। और करीब 80 लाख की रकम उसने पेशगी के तौर पर ले भी ली थी। पुलिस की तफ्तीश में ये भी खुलासा हुआ है कि नितिन सिन्हा और रेनू सिन्हा के बीच पिछले काफी दिनों से इसी बात को लेकर बवाल चल रहा था। नितिन इस कोठी को बेचकर लंदन में जाकर रहना चाहते थे जबकि रेनू इस पुश्तैनी मकान को बेचने के खिलाफ थी। पुलिस के सामने नितिन का खुलासा यही है कि चूंकि ये मकान काफी पुराना हो गया था ...और टूट फूट की वजह से इसकी मरम्मत बार बार करवानी पड़ती थी। 

पुलिस की गिरफ्त में नितिन सिन्हा

मकान की जल रही थी लाइट

रेनू के घरवालों ने मामले का खुलासा होते ही कत्ल का शक रेनू के पति यानी नितिन नाथ सिन्हा पर जताया था। और उसके पीछे घरवालों की दलील भी काबिले गौर है। रेनू के घरवाले रविवार को उसे ढूंढते हुए उसके घर पहुंचे थे, लेकिन मकान बंद था, जबकि अंदर लाइट जल रही थी। उनका कहना था कि सेक्टर 30 की जिस D-40 कोठी में दोनों रहते हैं, उसे लेकर पति-पत्नी के बीच लंबे समय से झगड़ा चला आ रहा था...यहां तक कि दोनों के बीच कई बार हाथा पायी तक हो गई थी। लिहाजा घरवालों के शक की बुनियादी वजह प्रॉपर्टी ही थी। रेनू के घरवालों ने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने पहली बार नितिन को फोन किया, तो उसने खुद के लोधी रोड में होने की बात कही, मगर इसके बाद से ही उसका नंबर स्विच्ड ऑफ हो गया।  

एसी का टैम्प्रेचर 20 डिग्री

घरवालों के शक की एक और वजह है जिस पर पुलिस ने भी बाद में तवज्जो दी। और वो ये थी कि जब घर के लोग रेनू सिन्हा की तलाश करते हुए कोठी पर पहुँचे तो अंदर एसी 20-22 डिग्री पर मेंटेन था। जबकि आमतौर पर 24 डिग्री पर एसी चलाया जाता था। ऐसा इसलिए भी क्योंकि रेनू को बोन का कैंसर था और उसके लिए रूम टैम्प्रेचर को मेंटेन करना जरूरी था। ऐसे में पुलिस का अंदाजा यही है कि रेनू की हत्या के बाद लाश तेजी से खराब न हो और बदबू आस पास न फैले इसके लिए आरोपी ने एसी का टैम्प्रेचर कम कर दिया था। उसे गुमान था कि शायद कोठी का सौदा हो जाएगा और वो सारा पैसा लेकर वहां से निकल जाएगा। और एक बार देश से बाहर जाते ही उसे पकड़ना पुलिस के लिए नामुमकिन हो जाएगा। 

कोठी नंबर D-40 में तफ्तीश में जुटी पुलिस 

बाथरूम में थी लाश, खरीदारों को दिखाई कोठी

हैरानी की बात ये है कि कत्ल से महज 2 घंटे बाद ही कोठी खरीदने वाली पार्टी भी कोठी देखने आई थी। और नितिन ने बाकायदा खरीदारो को पूरी कोठी दिखा भी दी थी, मगर सिर्फ उस एक बाथरूम के जहां उसने रेनू की लाशको छुपा रखा था।  पुलिस की तफ्तीश का खुलासा है कि रेनू सिन्हा तो दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करती थी जबकि आरोपी इनफॉर्मेशन ऑफिसर थे। 1988 बैच के IRS अफसर नितिन सिन्हा ने 1998 में ही VRS ले लिया था। और अपने हिस्से की सिर्फ 50 फीसदी पेंशन लेते थे। 

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