
प्रयागराज हत्याकांड की जांच में जुटी उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने एक नया सीसीटीवी फुटेज आया है जिसमें गैंग्स ऑफ वॉसेपुर स्टाइल में बम से घर और इलाका धुआं धुआं होते देखा जा सकता है।
हत्याकांड के इस नए सीसीटीवी फुटेज की बदौलत अब पुलिस ने उन शूटरों की तलाश तेज कर दी है जिन्होंने उमेश पाल की हत्या को अंजाम देकर पूरे उत्तर प्रदेश में सनसनी फैला दी और पिछले 20 दिनों से यूपी पुलिस के साथ आंख मिचौली का खेल खेल रहे हैं।
24 फरवरी की शाम 4 बजकर 55 मिनट के इस फुटेज में एक घर का गलियारा नज़र आ रहा है जिसका मुंह उसी सड़क की तरफ खुल रहा है जहां शूट आउट हुआ था...अचानक घर के भीतर से एक लड़की बाहर की तरफ भागती दिखाई देती है और थोड़ी ही देर में एक सिपाही भीतर की तरफ भागता हुआ आता है और फिर अचानक एक जोर दार धमाका होता है और सब कुछ धुएं के गुबार में छुप जाता है ...।
यूपी पुलिस ने ये फुटेज जारी करते हुए दावा किया है कि इस फुटेज के जरिए अब उन शूटरों की पहचान करना आसान हो जाएगा जिन्होंने उमेश पाल की हत्या को अंजाम दिया।
प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में पूरे 20 दिन गुजर चुके हैं। और उत्तर प्रदेश की पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली है...हालांकि पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल संदिग्ध शूटरों और साज़िशकर्ताओं पर शिकंजा कसने की बात बड़े ही जोर शोर तरीके से की है...मगर अभी तक न तो एक भी शूटर हाथ आया और न ही उस माफिया डॉन अतीक अहमद का परिवार जिस पर इस हत्याकांड को अंजाम देने का संगीन इल्ज़ाम है। कहने को तो पुलिस ने इस शूटआउट में शामिल हुए शातिर दो गुर्गों को एनकाउंटर में मार गिराया, जिनमें से एक उस्मान चौधरी उर्फ विजय चौधरी था जबकि दूसरा गुर्गा अरबाज नाम का था। इसके अलावा प्रयागराज के मुस्लिम हॉस्टल में रहने वाले एक वकील सदाकत खान को इस शूटआउट की साज़िश करने के इल्ज़ाम में गिरफ्तार करने का दावा जरूर किया गया है...लेकिन इस पूरे हत्याकांड के असली मास्टरमाइंड और शूटर अभी तक पुलिस की पहुंच से दूर ही बने हुए हैं।