
Jharkhand Court News: झारखंड के रामगढ़ जिले के बरकाकाना ओपी क्षेत्र में एक आरपीएफ के जवान पवन कुमार सिंह ने गत 17 अगस्त 2019 को एक दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया था। आरोपी पुलिसकर्मी ने अपने सर्विस रिवाल्वर से एक ही परिवार के 5 लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। इस फायरिंग में 3 लोगों की मौके पर मौत हो गई थी और 2 लोग गंभीर रूप से घायल थे।
यह मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ था। इस गोलीकांड के वारदात को अंजाम देने के बाद आरपीएफ जवान फरार हो गया था। पुलिस ने तफ्तीश के दौरान पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर लिया था। मुकदमा चलाने व चार्जशीट दाखिल होने के बाद इस मामले में रामगढ़ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम शेषनाथ सिंह के न्यायालय ने गुरुवार को इसे फांसी की सजा सुनाई है, वही इस मामले में सोमवार को ही आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह को दोषी करार दिया गया था। पवन कुमार सिंह को भादवी की धारा 302, 307, 27 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया था।
बर्खास्त जवान पवन सिंह मूल रूप से बिहार के आरा जिला निवासी है। न्यायालय में अभियोजन की ओर से प्रभारी अभियोजक आरबी राय ने कुल 16 गवाहों का बयान न्यायालय के समक्ष दर्ज कराया था इस घटना में घायल संजय राम और उसकी छोटी बहन सुमन कुमारी सहित कांड के अनुसंधान अधिकारी संजीव कुमार बेसरा व पोस्टमार्टम करने वाले व घायल युवती का इलाज कर रहे चिकित्सक ने न्यायालय में अपना बयान दर्ज कराया था।
ट्रिपल मर्डर की वारदात से दहल गया था रामगढ़। जिले के बरकाकाना जीआरपी थाना में पोस्टेड आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह ने सर्विस रिवाल्वर से रेलकर्मी के परिवार के 5 सदस्यों को गोली मार दी थी। जिसमें गर्भवती महिला वर्षा देवी उर्फ मीना देवी, रेलकर्मी अशोक राम, पत्नी लीलावती देवी की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस गोलीकांड में सुमन कुमारी और संजय राम भी जख्मी हो गए थे। इस गोलीकांड को अंजाम देने वाले फरार पवन कुमार सिंह को 9 महीने बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था।