
24 फरवरी को प्रयागराज में हुए सनसनीखेज हत्याकांड के बाद से ही यूपी पुलिस एक के बाद एक कड़े सवालों के सामने से होकर गुज़रने को मजबूर है। इस हत्याकांड के बाद मौके से बरामद हुए सीसीटीवी की तस्वीरों को देखकर यूपी पुलिस इस बात का दावा करती तो दिखाई देती है कि उसने हत्याकांड में शामिल तमाम बदमाशों को अच्छी तरह से पहचान लिया लेकिन दो एनकाउंटर को छोड़कर देखा जाए तो पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली ही दिखाई दे रहे हैं। हालांकि कहने को उसने एक साज़िशकर्ता सदाक़त खान को गिरफ्तार कर रखा है, लेकिन जिन लोगों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया या जो लोग इस हत्याकांड के लिए तैयार बैठे थे वो सब लोग कहां हैं, किस हाल में है...और उन्हें किसकी पनाह मिली हुई है। इस सवाल का जवाब देने की हालत में खुद पुलिस भी नहीं दिखाई दे रही।
इसी बीच यूपी पुलिस एक और सवाल के घेरे में घिरती दिखाई दी जब इस हत्याकांड के एक संदिग्ध शूटर साबिह के भाई की लाश रहस्यमय तरीके से हासिल हुई। खुलासा हुआ है कि शूटर मोहम्मद साबिर की तलाश में भटक रही पुलिस को उसके भाई की संदिग्ध परिस्थितियों लाश मिली और देखते ही देखते पुलिस ही सवालों के घेरे में घिर गई।
हुआ यूं कि 20 जनवरी को साकिर का भाई जाकिर अपनी बहन गुड़िया और बहनोई अकरम के पास बड़ीपुर गांव में आकर रहने लगा था। मगर 27 फरवरी को अचानक वो गायब हो गया। 27 फरवरी यानी प्रयागराज में शूटआउट से तीन दिन बाद।
उधर उमेश पाल हत्याकांड में शामिल ढाई लाख के इनामी शूटर मोहम्मद साबिर की तलाश में पुलिस चप्पा चप्पा खंगाल रही है। लेकिन इसी तलाश के दौरान जब साबिर के बड़े भाई जाकिर की लाश मिली और वो भी रहस्यमय हालत में तो पुलिस पर सवार उठने लगे कि कहीं उमेश पाल हत्याकांड का कोई कनेक्शन इस लाश से तो नहीं। असल में सवाल उठने की सबसे बड़ी वजह ये भी बताई जा रही है क्योंकि संदिग्ध परिस्थितियों में मिली लाश पर चोट के कई गहरे निशान भी हैं। यानी क्या जाकिर को अगवा करके उनके साथ थर्ड डिग्री का बर्ताव किया गया था। असल में कौशांबी के कोखराज थाना इलाके में जाकिर की लाश मिली। हालांकि जाकिर पांच महीने पहले ही जेल से रिहा हुआ था। वो करीब आठ साल तक पत्नी की हत्या के आरोप में जेल की सजा काट चुका है।
पुलिस के मुताबिक साबिर के प्रयागराज के पुरा मुफ्ती थाना इलाके में मरियाडीह के मकान में छापामारी की थी। इन सबके बीच 27 फरवरी से अचानक लापता हुए जाकिर का शव 10 दिन के बाद यानी 9 मार्च को खराज थाना इलाके में गंगा के कछार पर मिला था। और देखने से लग रहा था कि लाश काफी पुरानी है। पुलिस ने लावारिस हालत में मिली लाश को कब्जे में ले लिया।
अब साबिर के भाई जाकिर की लाश मिलने के बाद अब पुलिस पर ही सवाल उठने लगे हैं। पुलिस की इस मामले में अपने बचाव में जो दलील सामने आई वो और भी ज़्यादा बचकानी है। पुलिस का कहना है कि जाकिर की लाश मिलने के बाद उनके घरवालों ने किसी तरह की अनहोनी का आशंका नहीं जताई है। और न ही किसी पर आरोप लगाया है। पुलिस का कहना है कि घरवालों ने पुलिस को बताया है कि कछार के लंबे इलाके में जाकिर कहीं भटक गए होंगे और ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीज होने की वजह से उनकी मौत हो गई होगी। पुलिस ने अपनी दलील को और पुख्ता करने के लिए ये भी कहना शुरू कर दिया है कि जेल से छूटने के बाद दो महीने से जाकिर मानसिक तौर पर परेशान भी रहता था ये बात पुलिस को उनके घरवालों ने बताई है।
फिलहाल पुलिस ने मामले को टालने के लिए बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक टाल दी है। साथ ही ये बात भी दोहरा दी कि घरवालों ने किसी भी तरह की अनहोनी की बात से इनकार कर दिया है।