
UP Wild Animals Attack: उत्तर प्रदेश के शारदानगर वन क्षेत्र में एक सप्ताह में जंगली जानवर के हमले में दो बच्चों की मौत के मद्देनजर प्रभागीय वन अधिकारी ने इलाके के अंतर्गत आने वाले कम से कम आधा दर्जन गांव के लोगों को सतर्क रहने की सलाह जारी की है।
सात सितंबर को इस पशु ने खैया गांव में 14 वर्षीय जलीस पर हमला कर दिया था, जिसके अगले दिन जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, एक सितंबर को इस पशु ने मुकुंदपुर गांव में सात साल की रिमझिम को अपना शिकार बनाया था।
एक सप्ताह में दो नाबालिगों की मौत ने दक्षिण खीरी के वन अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है, खासकर इसलिए क्योंकि वे अभी तक हमला करने वाले जानवर की पहचान नहीं कर पाए हैं। यह वन क्षेत्र भेड़ियों के साथ-साथ बाघ और तेंदुए जैसे जंगली जानवरों का भी ठिकाना है।
जिला वन अधिकारी (दक्षिण खीरी) संजय बिस्वाल ने कहा कि सितंबर में जंगली जानवर के हमले में दो बच्चों की मौत के बाद खेतों में और गांव की सड़कों पर तलाशी लेने, शिकार करने वाले पशु के कदमों के निशान एकत्र करने और उसकी पहचान करने के लिए क्षेत्र में गश्ती दल तैनात किए गए हैं।
बिस्वाल के मुताबिक, जंगली जानवर की पहचान करने और मानव-पशु संघर्ष को कम करने में सहायता के लिए विशेषज्ञों से भी संपर्क किया गया है।
उन्होंने बताया कि जिन दो स्थानों पर हमले हुए थे, उनमें से प्रत्येक पर चार कैमरे लगाए गए थे, जबकि खैया गांव के पास हमलावर जानवर को पकड़ने के लिए एक पिंजरा लगाया गया था।
बिस्वाल ने कहा कि शुक्रवार को शारदानगर वन क्षेत्र के ग्रामीणों को अधिक सतर्क रहने और अपने बच्चों को प्रभावित क्षेत्रों में नहीं जाने देने की सलाह दी गई।
उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को यह भी सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों में समूह में तेज संगीत बजाकर या शोर मचाकर काम करें, ताकि जंगली जानवरों को वहां आने से रोका जा सके।
बिस्वाल के अनुसार, ग्रामीणों से कहा गया है कि जंगली जानवर से सामना होने पर वे उनके साथ संघर्ष से बचें और वन अधिकारियों को तत्काल इसकी सूचना दें।