
Ex Deputy CM Manish Sisodia: तो क्या अब दिल्ली सरकार में डिप्टी CM रहे मनीष सिसोदिया क्या अब सियासी मुद्दा बनने वाला हैं? ये सवाल इसलिए भी है क्योंकि मंगलवार को जिस तरह से दिल्ली पुलिस के सिपाही और अफसर उन्हें गर्दन से पकड़कर अदालत के भीतर घसीटकर ले जाते दिखाई दिए उस वीडियो को आम आदमी पार्टी के कई दिग्गज नेता सोशल मीडिया पर शेयर करके केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इसके साथ ही दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के नुमाइंदों ने दिल्ली पुलिस के उन तमाम अफसरों को सस्पेंड करने की मांग भी उठा दी है जिन्होंने मनीष सिसोदिया के साथ बेअदबी की।
मनीष सिसोदिया का वीडियो वायरल
आम आदमी पार्टी की बड़ी नेता आतिशी ने मनीष सिसोदिया के वीडियो को शेयर किया है। वीडियो में साफ दिखाई पड़ रहा है कि मनीष सिसोदिया ने अदालत जाते समय गलियारे में जैसे ही मीडिया के कैमरे के सामने कुछ कहना चाहा तो दिल्ली पुलिस के एक अफसर ने तेजी से मीडिया के कैमरों को धक्का देते हुए मनीष सिसोदिया को गर्दन से घसीटते हुए कोर्ट के भीतर ले जाने लगे।
कोर्ट में पेश किए गए डिप्टी सीएम
दिल्ली की शराब नीति में घोटाले के मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को 23 मई को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। असल में कोर्ट में मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस में सुनवाई होनी थी जिसमें कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 1 जून तक बढ़ा दिया है।
पुलिस अफसरों को सस्पेंड करने की मांग
कोर्ट से तो पूर्व डिप्टी सीएम को कोई राहत नहीं मिली, ऊपर से दिल्ली पुलिस के अफसरों का सरेआम उनके साथ किया गया सलूक इस वक़्त मुद्दा बनता जा रहा है। आतिशी के अलावा आम आदमी पार्टी के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी उसी मनीष सिसोदिया के वीडियो को ट्वीट करके पुलिस अफसरों को सस्पेंड करने की बात कही है।
पुलिस के रवैये पर उठाए सवाल
सौरभ भारद्वाज का कहना है कि दिल्ली पुलिस के अफसरों का रवैया वाकई चौंकानें वाला है। एक पत्रकार के सवाल के जवाब में आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा है कि ये रवैया इसलिए भी चौंकाता है क्योंकि कुछ अरसा पहले ही महाठग सुकेश चंद्रशेखर को भी अदालत लाया गया था लेकिन तब वो खुलकर मीडिया के साथ बातें कर रहा था और उस वक़्त पुलिसवालों ने उसके साथ ऐसा कोई सलूक नहीं किया था। जबकि मनीष सिसोदिया का रिश्ता तो जुर्म की दुनिया से भी नहीं है...और न ही कभी किसी के साथ कोई बेअदबी की। क्या ये बात सोचने की नहीं है।
एक्साइज पॉलिसी के बाद फंसे सिसोदिया
वैसे दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी। दिल्ली सरकार ने इस नीति के लागू होने के बाद ही रेवेन्यू में होने वाले मुनाफे के साथ साथ शराब के कारोबार में माफिया राज को खत्म करने की दलील दी थी। मगर दिल्ली सरकार के अनुमान के उलट इस नीति से सरकार को नुकसान हो गया। तब दिल्ली के मुख्य सचिव ने जुलाई 2022 में उस दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वी के सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें इल्ज़ाम लगाया था कि मनीष सिसोदिया ने शराब कारोबारियों को फायदा पहुँचाया है।
मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज
मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद ही एलजी ने इस मामले की तफ्तीश करने के लिए सीबीआई से जांच की सिफारिश की थी। एलजी की सिफारिश के बाद ही CBI ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी थी। लेकिन पांच दिन के बाद ही 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया था। इस केस के दर्ज होने के करीब छह महीने के बाद फरवरी के महीने में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था। और तभी से मनीष सिसोदिया जेल में हैं।