
उमेश पाल हत्याकांड के बाद दो सरकारी गनर की हत्या के बाद से ही यूपी पुलिस अतीक अहमद और उसके परिवार से ताल्लुक रखने वाले लोगों की तलाश में दर दर भटक रही है। हालांकि अतीक तो गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, जबकि उसका भाई अशरफ बरेली की जिला कारागार में है। लेकिन उससे परिवार के बाकी लोग कहां हैं ये सवाल अब अचानक बड़ा सा होने लगा क्योंकि अतीक के दो नाबालिग लड़के हैं अहज़म और अबान...और इत्तेफाक से दोनों ही गायब हैं। पहले खबर आई थी कि अहज़म और अबान को पुलिस ने बाल सुधार गृह में भेज दिया...लेकिन बाल सुधार गृह में तो कोई नहीं। तो फिर अतीक के दोनों नाबालिग लड़के कहां लापता हो गए। ये सवाल पुलिस के लिए भी सिरदर्द बन चुका है।
कुछ अरसा पहले प्रयागराज हत्याकांड के बाद ही अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने ज़िला कोर्ट में एक अर्जी दी थी, जिसके मुताबिक उसमें दावा किया गया था कि पुलिस ने उसके दो बेटों को पकड़ लिया है जो नाबालिग हैं और उन्हें किसी अनजान जगह पर छुपा दिया।
आखिर ये सस्पेंस क्या है? आखिर कहां हैं अतीक के दोनों बच्चे? प्रयागराज पुलिस बार बार कह रही है कि दोनों बच्चों को बाल संरक्षण गृह में रखा गया है। जबकि शाइस्ता का कहना है कि वहां उसके बच्चे नहीं हैं। तो सवाल उठता है कि क्या दोनों को आसमान निगल गया या ज़मीन खा गई।
सारा देश जान चुका है कि 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में गोलियां बरसाकर उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। और सरेआम इस शूटआउट के लिए अतीक अहमद और उसके परिवार के खिलाफ नामजद रिपोर्ट भी लिखवा दी गई थी। लेकिन जिन नामों के खिलाफ एफआईआर की गई उनमें से एक भी पुलिस की कस्टडी में नहीं है। इसी बीच कहानी में ट्विस्ट तब पैदा हुआ जब सीजेएम कोर्ट में अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने अर्जी लगाई और अपने दोनों बेटों के बारे में जानकारी मांगी तो पुलिस ने कोर्ट को बाकायदा हलफनामा देकर बताया कि 2 मार्च को कसारी मसारी इलाके में अहज़म और अबान को लावारिस हालत में घूमते देखा तो दोनों को खुल्दाबाद के बाल संरक्षण गृह में दाखिल करवा दिया।
अतीक की पत्नी शाइस्ता ने एक बार फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। क्योंकि लाख तलाश के बाद भी उन्हें उनके बच्चे नहीं मिले। सवाल तो सबसे बड़ा यही है कि आखिर दोनों बच्चे हैं कहां। शाइस्ता की अर्जी पर अब कोर्ट ने फिर से रिपोर्ट को तलब किया है और इस मामले में अगली सुनवाई 10 मार्च को होगी...यानी 10 मार्च को एक बार फिर पता चलेगा कि बच्चों को पुलिस ने कहां और किस हाल में रखा है।