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Arunachal Pradesh Terrorist Surrendered: अरुणाचल प्रदेश में 15 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण!

Arunachal Pradesh Terrorist Surrendered:ईस्टर्न नगा नेशनल गवर्नमेंट (ईएनजीजी) के 15 उग्रवादियों ने संगठन के प्रमुख तोशाम मोसांग के साथ रविवार को आत्मसमर्पण कर दिया। विद्रोहियों को हिंसा छोड़ने और राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल होने के लिए राजी करने में असम राइफल्स और राज्य पुलिस ने सराहनीय भूमिका रही।
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Arunachal Pradesh Terrorist Surrendered:ईस्टर्न नगा नेशनल गवर्नमेंट (ईएनजीजी) के 15 उग्रवादियों ने संगठन के प्रमुख तोशाम मोसांग के साथ रविवार को आत्मसमर्पण कर दिया। विद्रोहियों को हिंसा छोड़ने और राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल होने के लिए राजी करने में असम राइफल्स और राज्य पुलिस ने सराहनीय भूमिका रही।

यहां पुलिस मुख्यालय में आयोजित 'घर वापसी' समारोह के दौरान विद्रोहियों ने हथियारों और गोला-बारूद के साथ आत्मसमर्पण किया। समारोह में अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू, असम राइफल्स के अधिकारियों के अलावा उप-मुख्यमंत्री चाउना मीन, गृह मंत्री बामांग फेलिक्स, डीजीपी सतीश गोलछा समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

एसआईटी एसपी (SIT, SP) रोहित राजबीर

एसआईटी एसपी (SIT, SP) रोहित राजबीर के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले अन्य विद्रोहियों में स्वयंभू (एसएस) कर्नल चोपसाई पंगसा ​​और वांगजेन पंगथा, एसएस मेजर डैनियल सैंके, एसएस कप्तान मैथंगला तिखाक, एसएस लेफ्टिनेंट मोनपी ममई, समहोन सोंगथिंग और एसएस सार्जेंट वांगवा हाटम और हेमराज प्रधान शामिल हैं।

इनके पास से 9 चीनी निर्मित एमक्यू श्रृंखला के हथियार, दो एके -47 राइफल, एक चीनी निर्मित पिस्तौल, 19 मैगजीन, 7.62 मिमी गोला बारूद के 415 राउंड, 9 मिमी पिस्तौल के पांच राउंड, चार चीनी ग्रेनेड, पंखों वाला एक अंडर बैरल लॉन्चर बरामद हुए हैं।

सीएम पेमा खांडू ने इस घटना को "ऐतिहासिक" करार दिया और पुलिस अधिकारियों की प्रशांसा की। इस दौरान गृह मंत्री बामांग फेलिक्स ने कहा कि 14 अन्य लोगों के साथ अपने प्रमुख के आत्मसमर्पण के बाद ENNG अब "लगभग न के बराबर" हो गया है।

ENNG संगठन क्या है?

इस संगठन ने जनवरी 2015 में मोसांग के नेतृत्व में प्रमुखता से शूटिंग की थी। संगठन का कथित उद्देश्य पूर्वी म्यांमार नगाओं और तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों के नगाओं की मांगों के लिए लड़ना था।

इसके कैडर विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, कोयला और लकड़ी के व्यापारियों, ठेकेदारों और जनप्रतिनिधियों से जबरन वसूली में शामिल थे। इनके खिलाफ युद्ध छेड़ने, हत्या और हत्या के प्रयास के मामले दर्ज किए गए थे।

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