
श्रीनगर से अशरफ वानी की रिपोर्ट
Anti Terror Operatin Garol : जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ चली मुठभेड़ आखिरकार खत्म हो गई। इस एनकाउंटर में सुरक्षा बल ने दो फौजी अफसर और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अफसर की शहादत का बदला भी ले लिया। कोकरनाग के पीर पंजाल की पहाड़ियों में छुपा लश्कर ए तैयबा का कमांडर उजैर खान मारा गया। सुरक्षा बल ने सर्च ऑपरेशन के दौरन उजैर खान के साथ साथ एक और आतंकी का शव बरामद किया था।
12 सितंबर को शुरू हुआ था ऑपरेशन
सुरक्षा बल ने अनंतनाग के कोकरनाग में आतंकियों के खिलाफ 12 सितंबर को ऑपरेशन शुरू किया था इस ऑपरेशन को नाम दिया गया था ‘ऑपरेशन गैरोल’। जम्मू कश्मीर के एडीजीपी विजय कुमार के मुताबिक लश्कर का कमांडर उजैर खान मारा जा चुका है। जंगल से उसकी जली हुई लाश मिली थी। कोकरनाग में सुरक्षा बल के ऑपरेशन के दौरान ही अगले रोज यानी मंगलवार को सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए थे। इन तीन अफसरों पर घात लगाकर गोली चलाने वाले आतंकी उसके बाद पीर पंजाल के जंगलों में जाकर छुप गए थे।
आतंकियों के सफाए का 'ऑपरेशन गैरोल'
उन्हीं आतंकियों की तलाश में सुरक्षा बल ने सर्च ऑपरेशन चलाया जिसे नाम दिया गया ऑपरेशन गैरोल। एडीजीपी विजय कुमार के मुताबिक लश्कर कमांडर को मारने के बाद उसके हथियार भी बरामद किए गए थे। बकौल विजय कुमार उजैर खान के साथ साथ एक और आतंकी का शव भी बरामद हुआ था। उसके बाद भी ये सर्च ऑपरेशन करीब दो दिन तक चलता रहा। हालांकि इस बीच कोई मुठभेड़ नहीं हुई मगर तलाशी अभियान जारी रहा।
जंगल से मिला था आतंकी का जला शव
इस ऑपरेशन को कामयाब करने के लिए सुरक्षा बल की तरफ से पीर पंजाल की पहाड़ियों में जाकर छुप गए आतंकियों को दबोचने और उनका पूरी तरहसे सफाया करने की गरज से ड्रोन और रॉकेट लॉन्चर से भी हमले किए। इसके बाद ही आतंकियों की तरफ से की जाने वाली फायरिंग रुक सकी। अगले रोज एक आतंकी का जला हुआ शव बरामद हुआ। लेकिन सुरक्षा बल ने अपना ऑपरेशन जारी रखा जिससे पहाड़ियों और गुफाओं में जा छुपे तीनों आतंकियों को ढेर करने में कामयाबी मिल गई।
170 किमी तक फैला है पीर पंजाल का जंगल
ऑपरेशन पर पैनी नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो अनंतनाग के कोकरनाग इलाके में जिस जगह मुठभेड़ हुई वो पीर पंजाल की पहाड़ियों का हिस्सा है जो मुजफ्फराबाद के किश्तवाड़ तक फैला हुआ है। ये दायरा करीब 170 किलोमीटर का है। ऐसे में इतने बड़े इलाके में तीन आतंकियों को तलाश करना वो भी ऐसे जंगल में जिसके घनेपन को तोड़कर सूरज की किरण भी जंगल तक पहुँचने में नाकाम रहती है, बेहद मुश्किल टास्क है।
हालांकि वो जगह आतंकियों के लिए बेहद सुरक्षित जगह मानी जाती है। बताया जा रहा है कि जिन पहाड़ियों पर आतंकी छुपे हुए थे वो करीब 75 से 80 डिग्री की पहाड़ियां था। इसके अलावा उन पहाड़ियों में कई गहरी और सुरक्षित गुफाएं भी हैं जिनमें आतंकियों ने अपने छुपने का अड्डा बना रखा था। ऐसे में सुरक्षा बल पर घात लगाकर हमला करने में वो कामयाब हो सकते थे। जानकारों के मुताबिक जब आतंकी ऊपर की तरफ होता है तो उसे सेना का मूवमेंट आसानी से दिखाई देता है जबकि उनको देख पाना आसान नहीं होता।
एक और आतंकी हुआ ढेर
खुलासा हुआ है कि जिन आतंकियों को सुरक्षा बल ने एनकाउंटर में ढेर किया वो उरी सेक्टर में LoC के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच ये खबर भी सामने आई है कि राजौरी के इलाके में मंगलवार को सुरक्षा बल ने एक मुठभेड़ में एक और आतंकी ढेर कर दिया। हालांकि उस हमले में सेना का एक जवान और लेब्राडोर डॉग केंट की भी मौत हो गई थी।