

आसाराम बापू को रेप केस में उम्रकैद की सजा हुई है. वो आसाराम जिसके कभी करोड़ों अनुयायी हुआ करते थे.

1947 में बंटवारे के समय ये पाकिस्तान से शरणार्थी के तौर पर गुजरात आया था. उस समय आसाराम का नाम आसुमल थाउमल हरपलानी था.

ये आसाराम पहले साइकल की दुकान पर काम करता था. चाय की दुकान से लेकर तांगे भी चला चुका है.
एक संत की शरण में आकर इसने अपना नाम आसुमल से आसाराम बापू रख लिया था. तब से ये खुद को बाबा घोषित कर लिया.

इस रेपिस्ट आसाराम बापू की पोल 16 साल की एक नाबालिग लड़की ने खोला था. उसने बताया था कि कैसे आसाराम ने उससे रेप किया था.

ये लड़की आसाराम के गुरुकुल में पढ़ती थी. उसी हॉस्टल में बेहोश हुई तो वॉर्डन ने भूत प्रेत का साया बताकर आसाराम के पास भेजा था.
आसाराम ने उस लड़की से रात में अपनी कुटिया में जबरन रेप किया था और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी.

12वीं में पढ़ने वाली लड़की ने कहा था कि मुझे धमकाकर मेरा मुंह बंद करा दिया. उसने मुझे पहले चूमा.

लड़की ने कहा था कि आसाराम ने मेरे साथ जबरदस्ती की. मैं रोने लगी तो उसने मेरा मुंह दबाकर चीखें बंद करा दीं थी.
