

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी सदियों पुरानी परंपरा है
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी तस्वीर
ये तब से ही चली आ रही है जब सूर्यास्त के बाद जंग बंद हो जाती थी.
रॉयल गॉर्ड
जैसे ही बिगुल बजाने वाले पीछे हटने की धुन बजाते थे, वैसे ही सैनिक लड़ाई बंद कर देते थे और युद्ध भूमि से पीछे हट जाते थे.

नैशनल फ्लैग
जानकारी के मुताबिक, 17वीं सदी में इंग्लैंड में इसकी शुरुआत हुई थी
रॉयल गार्ड
तब जेम्स II ने शाम को जंग खत्म होन के बाद अपने सैनिकों को ड्रम बजाने, झंडा झुकाने और परेड करने का आदेश दिया था. उस वक्त इस समारोह को वॉच सेटिंग कहा जाता था.

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी
बीटिंग रिट्रीट की ये परंपरा ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में है.

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी
भारत में पहली बार 1952 में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन हुआ था. तब इसके दो कार्यक्रम हुए थे.
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी